काली मिर्च किचन में मौजूद एक ऐसा मसाला है जिसका इस्तेमाल सदियों से दवा के तौर पर किया जाता रहा है। औषधीय गुणों से भरपूर काली मिर्च का इस्तेमाल कई बीमारियों का उपचार करने में किया जाता रहा है। काली मिर्च एक ऐसा मसाला है जिसका इस्तेमाल लगभग 4 हजार सालों से दवा के रूप में किया जा रहा है। आयुर्वेद के मुताबिक छोटी सी काली मिर्च के 100 से भी ज्यादा फायदे देखने को मिलेंगे। काली मिर्च का सेवन सालों से पाचन तंत्र को दुरुस्त करने और पेट से जुड़ी बीमारियों का इलाज करने में किया जाता रहा है। काली मिर्च में मौजूद पिपेरिन कंपाउंड हमारे पेट को हाइड्रोक्लोरिक एसिड बनाने के लिए स्टीमुलेट करता है।
ये hydrochloric acid एक तरह का तेजाब है जो खाने को पचाने और गलाने के लिए इस्तेमाल होता है। जब हम खाने के खाते हैं तो खाने में मौजूद प्रोटीन और फैट को तोड़ने के लिए हमें इस तेजाब की जरूरत होती है। पेट में इस तेजाब के सही मात्रा में नहीं बनने से अपच, गैस, एसिडिटी जैसी परेशानियां पैदा हो सकती हैं। एक चुटकी काली मिर्च का पिसा हुआ पाउडर पाचन से जुड़ी इन सब परेशानियों को दूर करता है। इसका सेवन करने से पेट से जुड़ी परेशानियों का इलाज होता है।
आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं के एक्सपर्ट डॉक्टर सलीम जैदी के मुताबिक काली मिर्च का सेवन करने से वो हमारी बॉडी में पोषक तत्वों के ऑब्जर्व होने के प्रोसेस को बढ़ाती है। काली मिर्च का सेवन खाने में मौजूद दूसरे विटामिन जैसे विटामिन सी,सेलेनियम और बीटा कैरोटीन के अवशोषण में भी सुधार करता है जिससे बॉडी में पोषक तत्वों की कमी नहीं होती। आइए जानते हैं कि काली मिर्च का सेवन करने से बॉडी को कौन-कौन से फायदे होते हैं।
फ्री रेडिकल्स से करती है बचाव
एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर काली मिर्च बॉडी को फ्री रेडिकल्स से बचाती है। इसका सेवन करने से इंफ्लामेशन कंट्रोल रहता है और क्रॉनिक बीमारियों जैसे डायबिटीज, हार्ट, ब्लड प्रेशर और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव होता है। काली मिर्च में मौजूद पेपरीन फ्री रेडिकल्स से बचाव करता है और बॉडी को हेल्दी रखता है।
सूजन कम करने वाले गुणों से है भरपूर
काली मिर्च का सेवन करने से बॉडी में होने वाली सूजन कंट्रोल रहती है। सूजन हमारी बॉडी में कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम का कारण बन सकती है। अर्थराइटिस की बीमारी इस सूजन की वजह से ही होती है। सूजन का असर आंख से लेकर किडनी और नसों तक को प्रभावित कर सकता है। काली मिर्च में मौजूद पेपरीन में एंटी इंफ्लामेटरी कंपाउंड है जो सूजन को बढ़ाने वाले एंजाइम को कंट्रोल करता है जिससे सूजन में कमी आती है। रेगुलर काली मिर्च का सेवन करने से ज्वाइंट में होने वाली सूजन कंट्रोल रहती है।
ब्रेन की हेल्थ रहती है दुरुस्त
काली मिर्च में मौजूद पेपरीन हमारे ब्रेन में न्यूरोट्रांसमिशन को दुरुस्त करता है। ये एक ऐसा प्रोसेस है जो हमारी नसों के बीज में संगीत भेजने के काम को अंजाम देता है। इसका सेवन करने से दिमाग तेज होती है और याददाश्त दुरुस्त रहती है। याददाश्त को ठीक करने में ये मसाला जादुई असर करता है।
वजन करती है कंट्रोल
काली मिर्च का सेवन करने से वजन भी कंट्रोल रहता है। काली मिर्च में पेपरीन मौजूद होता है जो कैलोरी को तेजी से बर्न करने में मदद करता है। अगर आप वेट लॉस करना चाहते हैं तो एक चुटकी काली मिर्च का सेवन पानी के साथ, फ्रूट चाट के रूप में या खाने में कर सकते हैं।