Bathua Saag Benefits: सर्दी के मौसम में सब्जियों की बहार है। इस मौसम में कई तरह के साग पाएं जाते हैं जो बॉडी को गर्म और एनर्जेटिक रखते हैं। बथुआ का साग एक ऐसी हरी सब्जी है जिसके सेहत के लिए बेहद फायदे हैं। ये एक पौष्टिक और स्वादिष्ट हरी सब्जी है जो सर्दियों में खाई जाती है। इसे कई नामों से जाना जाता है। इस साग को इंग्लिश में Chenopodium Album या Goosefoot कहते हैं। ये साग पोषक तत्वों का पावर हाउस है जिसमें विटामिन, मिनरल्स, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और प्रोटीन भरपूर होता है।

ये सभी पोषक तत्व बॉडी को हेल्दी रखते हैं, पाचन में सुधार करते हैं और स्किन को भी हेल्दी बनाते हैं। ये साग इम्यूनिटी को स्ट्रांग करता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है। बढ़ते वजन पर लगाम लगाने में इस साग का कोई जवाब नहीं है। डायबिटीज मरीज रोजाना सर्दी में इस साग के अर्क का सेवन करें तो बॉडी को हेल्दी रख सकते हैं और ब्लड शुगर को नॉर्मल कर सकते हैं।

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण ने बताया बथुआ में औषधीय गुण मौजूद हैं जो आपकी बॉडी में होने वाली कई बीमारियों को दूर कर सकते हैं। बथुआ के साग का रस निकालकर पीने से किडनी स्टोन का खतरा कम होता है। कई जगह का पानी खराब होता है और लोगों को किडनी में बार-बार स्टोन बनने की परेशानी होती है ऐसे में अगर आप स्टोन से बचाव करना चाहते हैं तो बथुआ का सूप बनाकर उसका सेवन करें। ये साग नहीं अमृत है। इसमें बुद्धिवर्धक गुण भी मौजूद हैं। आइए जानते हैं कि बथुआ कैसे बुद्धिवर्धक है और इसका सेवन करने से यूरिन की परेशानियां कैसे दूर होती है।

बथुआ कैसे बुद्धिवर्धक है?

बथुआ के साग में बुद्धि को बढ़ाने वाले गुण भी मौजूद होते हैं। ये साग दिमाग को शार्प करता है और याददाश्त को दुरुस्त करता है। बच्चों के दिमाग को तेज करने के लिए आप उन्हें बथुआ खिलाएं। वात रोगी इस साग का सेवन करने से परहेज करते हैं लेकिन अगर ये लोग इस साग के बीज का सेवन करें तो उनका पाचन ठीक रहेगा और उनका बौद्धिक विकास भी होगा।

बथुआ कैसे यूरिन की परेशानी को करता है दूर

बथुआ के साग में मूत्रल गुण भी मौजूद होते हैं। आयुर्वेद में ये साग उद्दीपक है जो बॉडी को बाहरी और आंतरिक दोनों तरह से सुरक्षा देता है। इस साग में पाचक गुण भी मौजूद होते हैं। आयुर्वेद के मुताबिक इस साग को मूत्र शोधक माना जाता है जो यूरिन से जुड़ी सारी परेशानियों को दूर करने में दवा का काम करता है।

जोड़ों के दर्द का है बेहतरीन इलाज

अर्थराइटिस के मरीज हैं और जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं तो आप बथुआ के साग का सेवन करें। ये साग जोड़ों के दर्द और सूजन को कंट्रोल करता है। जोड़ों के दर्द को दूर करने के लिए आप बथुआ के साग को स्टीम कर लें और पोटली में बांधकर दर्द वाली जगह पर लगाएं तो आपको दर्द  और सूजन से राहत मिलती है।

पीलिया का करता है इलाज

जिन लोगों को पीलिया की शिकायत है ऐसे लोग बथुआ और गिलोय का रस निकाल लें और दोनों को बराबर मात्रा में मिलाकर 25-30 मि.ग्राम सुबह-शाम सेवन करें। इस जूस से पीलिया की बीमारी में आराम मिलेगा।

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