हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी बीमारी है जो खराब खान-पान और बिगड़ते लाइफस्टाइल की वजह से पनपती है। इस बीमारी को साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है। हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी कई कारणों से होती है जैसे किडनी की परेशानी, एल्कोहल का अधिक सेवन, नींद की कमी, थॉयराइड की परेशानी और एड्रेनल ग्लैंड की वजह से ब्लड प्रेशर हाई हो सकता है। इस बीमारी के लिए मोटापा और फैमिली हिस्ट्री भी जिम्मेदार है।

बीपी हाई होने पर बॉडी में उसके लक्षण दिखना शुरू हो जाते हैं। सांस फूलना, घबराहट होना, छाती में दर्द होना, आंखों से धुंधला दिखाई दिना, तेज सिर दर्द होना, बॉडी में पसीना ज्यादा आना इस बीमारी के लक्षणों में शामिल हैं। ब्लड प्रेशर के मरीजों को चाहिए कि वो अपने लाइफस्टाइल में बदलाव करें और हेल्दी डाइट का सेवन करें।

बीपी कंट्रोल करने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां बेहद असरदार साबित होती हैं। गोटू कोला एक ऐसी जड़ी बूटी है जिसे आयुर्वेद में औषधी माना जाता है। इस जड़ी बूटी की पत्तियां हरे रंग की होती है जो कई बीमारियों का उपचार करने में असरदार साबित होती हैं। गोटू कोला का सेवन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में बेहद असरदार माना जाता है। आइए आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य श्री बालकृष्ण से जानते हैं कि ये जड़ी बूटी कैसे ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करती है।

गोटू कोला कैसे ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है:

प्राचीन समय से ही गोटू कोला का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जा रहा है। स्वाद में कड़वी ये जड़ी बूटी ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करती है और ब्लड प्रेशर कंट्रोल करती है। खराब ब्लड सर्कुलेशन वैरिकोज वैंस और कई समस्याओं का कारण बनता है। इसका सेवन करने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है। ये सूजन को कम करने में भी असरदार है।

एक वैज्ञानिक रिसर्च के मुताबिक गोटू कोला में टोटल फेनोलिक कंटेंट की मात्रा अधिक पाई जाती है जो हाईपरटेंशन के मरीजों के लिए मददगार साबित हो सकती है।

गोटू कोला का सेवन आप कैसे कर सकते हैं:

गोटू कोला का उपयोग आप किस बीमारी के लिए कर रहे है उसका सेवन इस बात पर निर्भर करता है। अलग-अलग बीमारियों के लिए इसका सेवन अलग होता है। इस जड़ी बूटी का सेवन आप सुखाकर उसके पत्तों की चाय बनाकर कर सकते हैं। ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए सुबह और शाम दो बार इस जड़ी बूटी का सेवन करना पर्याप्त है। इस जड़ी बूटी का इस्तेमाल आप पाउडर बनाकर या कैप्सूल में कर सकते हैं। इस जड़ी बूटी का अर्क भी आप बीपी को कंट्रोल करने के लिए कर सकते हैं। 50 से 250 मिलीग्राम अर्क का दिन में 2 से 3 बार सेवन सेहत को फायदा पहुंचाएगा।

गोटू कोला के फायदे:

गोटू कोला जड़ी बूटी का सेवन दिमाग को तेज करता है औ ध्यान लगाने की क्षमता में सुधार करता है। इस जड़ी बूटी का सेवन करने से तनाव दूर होता है। एंटीअल्सर गुणों से भरपूर ये जड़ी बूटी पेट के अल्सर से राहत दिलाती है। इसका सेवन करने से घाव जल्दी भरते हैं। घाव पर इसका लेप बनाकर लगाया जाए तो तेजी से सुधार होता है।