कोलेस्ट्रॉल ब्लड में मौजूद एक चिपचिपा गंदा पदार्थ है जिसके लिए खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल जिम्मेदार है। कोलेस्‍ट्रॉल एक तरह का फैट होता है जिसका निर्माण लिवर करता है। डाइट में अधिक वसायुक्त और जंकफूड का सेवन करने से बॉडी में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने लगता है। बॉडी में इस चिपचिपे पदार्थ का निर्माण लिवर करता है। डाइट में वसायुक्त और जंकफूड का अधिक सेवन करने से बॉडी में इसकी मात्रा बढ़ जाती है और ये नसों में जमा होने लगता है। नसों में इस चिकनाई के ज्यादा जमा होने से रक्‍त संचार बाधित होता है। ब्लड में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से दिल के रोगों का खतरा बढ़ने लगता है।

कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है एक खराब कोलेस्ट्रॉल और दूसरा गुड कोलेस्ट्रॉल। बॉडी में खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमारियों का जोखिम बढ़ने लगता है। दिल के रोगों से बचाव करने के लिए और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए नैचुरल रेमेडीज बेहद असरदार साबित होती हैं। कुछ देसी नुस्खों को अपनाकर खराब कोलेस्ट्रॉल को आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं।

काली मिर्च किचन में मौजूद एक ऐसा मसाला है जिसका सेवन करके खराब कोलेस्ट्रॉल को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। काली मिर्च ना सिर्फ खाने को तीखा और स्वादिष्ट बनाती है बल्कि कोलेस्ट्रॉल भी कंट्रोल करती है। एकॉर्ड सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, फ़रीदाबाद की क्लिनिकल डाइटीशियन, निहारिका अरोड़ा कहती हैं कि एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर काली मिर्च में मौजूद पिपेरिन नामक सक्रिय यौगिक LDL या खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में बेहद असरदार साबित होता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि काली मिर्च कैसे कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करती है और इसका सेवन कैसे करें।

काली मिर्च कैसे कोलेस्ट्रॉल को करती है कंट्रोल

रक्तप्रवाह में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है। हाई कोलेस्ट्रॉल का स्तर दिल के रोगों,स्ट्रॉक और कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा देता है। हाल ही में हुई एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि काली मिर्च कोलेस्ट्रोल के स्तर को प्रभावी ढंग से कंट्रोल करती है। इस मसाले में पिपेरिन नामक एक सक्रिय यौगिक होता है, जिसमें सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। पिपेरिन खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है।

काली मिर्च में मौजूद पिपेरिन मुख्य रूप से कोशिका को नुकसान पहुंचाने वाले मुक्त कणों को खत्म करता है और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है। ऑक्सीडेटिव तनाव इम्युनिटी को कमजोर करता है और कई क्रॉनिक बीमारियों जैसे कैंसर का भी खतरा बढ़ाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट अच्छी सेहत के लिए जरूरी है।

काली मिर्च के सेहत के लिए फायदे

पोषक तत्वों से भरपूर काली मिर्च कई बीमारियों का उपचार करती है और बॉडी को हेल्दी रखती है। काली मिर्च हमारे शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाती है और बॉडी को हेल्दी रखती है। इसका सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता है और मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। इसका सेवन करने से वजन कंट्रोल रहता है और दिल के रोगों का खतरा भी कम होता है।

काली मिर्च कैसे खाए

  • काली मिर्च को अदरक और शहद के साथ मिलाकर खाने से खांसी जुकाम से राहत मिलती है।
  • काली मिर्च का सेवन आप उसका पाउडर बनाकर खाने पर छिड़क कर खा सकते हैं।
  • काली मिर्च का सेवन आप सूप और सलाद के साथ कर सकते हैं।
  • चाय में काली मिर्च के 4-5 दाने डालकर भी पी सकते हैं इससे सर्दी खांसी और गले की खराश से निजात मिलेगी।