Air Pollution Impact on Mental Health: शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। अगर आप शारीरिक रूप से एकदम फिट है। लेकिन मेंटल हेल्थ काफी बुरी हालत में है, तो आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मानसिक तनाव होने के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण भी आप मानसिक रूप से बीमारी हो सकते हैं। जी हां, वायु प्रदूषण केवल शारीरिक रूप से ही बीमार नहीं करता है, बल्कि ये मानसिक रूप से भी व्यक्ति को कमजोर बना देते है। दिल्ली में इस तरह वायु प्रदूषण हर रिकॉर्ड तोड़ता जा रहा है। गैस चैंबर बना दिल्ली आपके फेफड़ों पर बुरा असर डालने के साथ तनाव और डिप्रेशन का भी कारण बन रहा है। असल में ये कैसे संभव है? इस बारे में जानने के लिए एक्सपर्ट आपकी कुछ मदद कर सकते हैं। इसके साथ ही जानें मेंटल हेल्थ को कैसे रखें एकदम फिट।
मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है वायु प्रदूषण?
अब आप सोच रहे होंगे कि वायु प्रदूषण कैसे आपके मेंटल हेल्थ को प्रभावित कर सकता है, तो बता दें कि प्रदूषण की हवा में कई तरह की गैसें होती है। जिनमें से एक होता है पार्टिकुलेट मैटर, जो सीधे मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डालता है। इसके साथ ही यह फेफड़ों पर भी बुरा असर डालता है।
एक्सपर्ट से जानें कैसे वायु प्रदूषण डाल सकता है मेंटल हेल्थ पर असर
बढ़ते वायु प्रदूषण के बारे में एक्सपर्ट का कहना है कि ये सीधे तौर पर मानसिक स्वास्थ्य पर असर नहीं डालता है। बल्कि यह आपके सेंट्रल नर्वस सिस्टम में सूजन कर सकता है। ऐसे में व्यक्ति को तनाव, एंग्जायटी, डिप्रेशन और बाइपोलर डिसऑर्डर जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा क्रोनिक स्ट्रेस की समस्या भी हो सकती है।
इंडियन प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर चित्रेश नटेसन जिन्हें इंडियन मॉन्स्टर के नाम से भी जाना जाता है। बढ़ते प्रदूषण के कारण होने वाले मानसिक समस्याओं के बारे में कहते हैं कि वायु प्रदूषण न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर बल्कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इसके कारण तनाव तेजी से बढ़ता है। खराब हवा की गुणवत्ता से नींद में भी खलल पड़ सकता है, जिससे किसी प्रकार की मानसिक स्थिति से जूझ रहे लोगों पर असर पड़ सकता है। ऐसे में अगर आप भी मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो घर में उचित वेंटिलेशन के अलावा एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें, जिससे घर में वायु की गुणवत्ता अच्छी हो। पार्क या घर के बाहर व्यायाम, योग न करके स्वच्छ, हवादार स्थानों पर नियमित व्यायाम को शामिल करें, क्योंकि शारीरिक गतिविधि के द्वारा तनाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इससे आप फ्रेश महसूस करेंगे और आपका मूड भी बेहतर होगा इसके अलावा ध्यान और गहरी सांस लेने की तकनीक को दैनिक दिनचर्या के हिस्से के रूप में शामिल करें।
प्रदूषण के कारण होने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव से निपटने के लिए एंटीऑक्सीडेंट, ओमेगा -3 फैटी एसिड और विटामिन से भरपूर पोषक तत्वों से भरपूर आहार बनाए रखें। विष उन्मूलन में सहायता के लिए अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहें। इसके अलावा, स्वच्छ हवा तक पहुंच के लिए हरे भरे स्थानों और पार्कों की तलाश करें। हालाँकि, वायु गुणवत्ता सूचकांकों की निगरानी करें और कम प्रदूषण स्तर के दौरान बाहरी गतिविधियों की योजना बनाएं। महत्वपूर्ण रूप से, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर नजर रखने और समग्र कल्याण सुनिश्चित करने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच महत्वपूर्ण है।
Emoneeds के को-फाउंडर और मनोचिकित्सक डॉ. गौरव गुप्ता के अनुसार, वायु प्रदूषण मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है और भारत में स्थिति विशेष रूप से गंभीर है। चिंताजनक बात यह है कि दुनिया के शीर्ष 15 सबसे प्रदूषित शहरों में से 12 शहर इसी शहर के हैं। सूक्ष्म कण (PM2.5) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे प्रदूषक मस्तिष्क में घुस सकते हैं, जिससे विभिन्न मनोवैज्ञानिक समस्याएं हो सकती हैं। भावनात्मक अशांति. अध्ययनों ने वायु प्रदूषण को अवसाद, चिंता, के बढ़ते जोखिमों से जोड़ा है। यहां तक कि सिज़ोफ्रेनिया की समस्या भी हो सकती है। प्रदूषित हवा के लंबे समय तक संपर्क में रहने से पूर्व स्थिति खराब हो सकती है। मौजूदा मानसिक स्वास्थ्य स्थितियां और समग्र कल्याण को कम करती हैं।
डॉ गौरव आगे कहते हैं कि अगर आप मानसिक समस्याओं का सामना कर रहे है, तो प्रदूषण से बचाव के लिए कुछ कदम उठा सकते हैं। इन प्रतिकूल प्रभावों को रोकने के लिए जरूरी है कि वाहनों का इस्तेमाल कम से कम हो। घर में हवा की गुणवत्ता को सही रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें। इसके अलावा अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्रों में मास्क पहनना और बाहर कम से कम जाएं। यदि किसी को वायु के कारण मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं, तो तुरंत ही डॉक्टर से सलाह लें, जिससे रहते इसका सही इलाज हो सके।