डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसॉर्डर है, जिसका इलाज संभव नहीं है। हालांकि, इस बीमारी में अपना ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रखना बेहद ही जरूरी होता है। भारत में डायबिटीज यानी मधुमेह के सबसे ज्यादा मरीज है। एक रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में करीब 52 करोड़ लोग इस खतरनाक बीमारी से जूझ रहे हैं। मधुमेह की इस बीमारी में ब्लड शुगर यानी रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है, जिसके कारण कई गंभीर तरह की समस्याएं हो सकती हैं।

शरीर में इंसुलिन की कमी से होने वाली बीमारी डायबिटीज में ब्लड शुगर बढ़ने पर दिल से जुड़ी बीमारी, तनाव, सिर दर्द, आंखों की रोशनी धुंधली होना, मल्टीपल ऑर्गन फेलियर समेत कई तरह की जानलेवा बीमारी होने का खतरा भी बढ़ जाता है। हालांकि, अगर हम अपनी दिनचर्या में बदलाव कर लें, तो शरीर में ग्लूकोज के लेवल को नियंत्रित किया जाता है। अगर अचानक बढ़ गया है ब्लड शुगर लेवल, तो इस तरह करें कंट्रोल

अपने सुबह के रूटीन में शामिल करें ये चीजें:

सुबह उठते ही पिएं गुनगुना पानी: ज्यादातर लोग अपने सुबह की शुरुआत चाय या फिर कॉफी से करते हैं, क्योंकि, यह उनमें ताजगी भरती है। हालांकि, जो लोग डायबिटीज की बीमारी से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है। ऐसे में मधुमेह के मरीजों को सुबह उठते ही गुनगुना पानी पीना चाहिए। इससे ना सिर्फ रक्त शर्करा का स्तर कंट्रोल में रहता है, बल्कि यह शरीर को हाइड्रेटेड भी रखता है।

जांच को बनाएं आदत: मधुमेह के जिन मरीजों का शुगर लेवल बढ़ा हुआ रहता है, उन्हें हर रोज अपने ग्लूकोज लेवल की जांच करनी चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट्स भी सुबह में सबसे पहले शुगर लेवल जांचने की सलाह देते हैं। क्योंकि, सुबह का समय शुगर लेवल की जांच का सबसे सही समय माना गया है।

मॉर्निंग वॉक: यूं तो मॉर्निंग वॉक करना सभी लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए लाभदायक मानी गई है। लेकिन जो लोग डायबिटीज की बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्हें रोजाना वॉक करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि, इससे शरीर तो स्वस्थ रहता ही है, साथ ही डायबिटीज भी कंट्रोल में रहती है। ऐसे में मधुमेह के रोगियों को मॉर्निंग वॉक अपनी आदत बना लेनी चाहिए।

हेल्दी नाश्ता: शुगर लेवल को नियंत्रित रखने के लिए मधुमेह के मरीजों को हेल्दी नाश्ता करना चाहिए। ऐसे फूड्स का सेवन करें, जो फाइबर और विटामिन्स से भरपूर हो।

अपने पौरों का रखें ध्यान: जो लोग डायबिटीज की बीमारी से ग्रसित हैं, उनके पैरों में सूजन और जलन की शिकायत रहती है। ऐसे में रोगियों को अपने पैरों का खास ध्यान रखने की आवश्यकता है।