मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है। सर्द मौसम जा रहा है और गर्मी ने दरवाजे पर दस्तक दे दी है। बदलते मौसम में हमारी डाइट में भी बदलाव करना जरूरी है। डाइट में बदलाव से मतलब ये नहीं है कि आप किराने की दुकान से सारा सामान नया खरीद लें, बल्कि आपको थोड़ा सा डाइट में बदलाव करने की जरूरत है। डाइट में थोड़ा सा बदलाव करके आप बदलते तापमान और आर्द्रता से अपनी बॉडी को महफूज रख सकते हैं।
दही हमारे भारतीय खाने का अहम हिस्सा है जो हमारी बॉडी को हाइड्रेट रखती है और इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग रखती है। इसका सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती है और स्किन में निखार आता है। गर्मी में दही का सेवन सेहत को बेहद फायदा पहुंचाता है, अगर आप बढ़ते वज़न से परेशान हैं तो दही का सेवन करें वजन कंट्रोल रहेगा।
आयुर्वेद के मुताबिक दही का सेवन करने के फायदे : आयुर्वेद के मुताबिक दही का सीमित और समय पर सेवन करना सेहत को बेहद फायदा पहुंचाता है। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ दीक्सा भावसार सावलिया ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट साझा की है जिसमें उन्होंने बताया है कि आयुर्वेदिक के मुताबिक दही को कैसे देखा जाता है।
उन्होंने कैप्शन में स्पष्ट किया कि दही स्वाद में खट्टी, प्रकृति में गर्म, पचाने में भारी होती है यानि इसे खाने के बाद ये लम्बे समय में पचती है। डॉ सावलिया ने यह भी कहा कि दही वजन बढ़ाने के लिए बेस्ट है इसका सेवन करने से बॉडी में वसा की मात्रा बढ़ती है और बॉडी को एनर्जी मिलती है।
दही कफ और पित्त को बढ़ाती है (कम वात) और पाचन शक्ति (अग्नि) में सुधार करती है।
दही का सेवन कैसे करें:
- दही का सेवन बेहद सोच समझ कर करना चाहिए। दही को कभी गर्म नहीं करना चाहिए। दही गर्म करने से उसकी तासीर कम हो जाती है।
- जिन लोगों का मोटापा ज्यादा है, कफ और सूजन की परेशानी है उन्हें दही का सेवन नहीं करना चाहिए।
- रात के समय दही का सेवन नहीं करना चाहिए।
- दही का सेवन रोज नहीं करना चाहिए। दही का नियमित रूप से मट्ठा और छाछ के रूप में सेवन करें। इसमें सेंधा नमक, काली मिर्च और जीरा जैसे मसालों का सेवन करें।
- आप दही का इस्तेमाल फलों के साथ नहीं करें। लंबे समय तक इसका सेवन करने से मेटाबॉलिक संबंधी समस्याएं और एलर्जी होने का खतरा हो सकता है।
- दही का सेवन मांस और मछली के साथ असंगत है। चिकन, मटन या मछली जैसे मांस के साथ दही विषाक्त पदार्थों का उत्पादन करेगा।
- यदि आप दही खाना चाहते हैं तो इसे कभी-कभार, दोपहर के समय और कम मात्रा में लें।