इन दिनों यूरिक एसिड की समस्या बहुत आम हो गई है। यूरिक एसिड शरीर के सेल्स के साथ-साथ कई खाद्य पदार्थों से भी बनता है। किडनी यूरिक एसिड को फिल्टर करती है और ये यूरिन के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाता है। लेकिन जब किडनी की फिल्टर क्षमता कम हो जाती है या शरीर में यूरिक एसिड ज्यादा बनने लगता है तब खून में इसकी मात्रा भी बढ़ जाती है। ऐसे में तमाम समस्याएं शुरू हो जाती हैं।
यूरिक एसिड बढ़ने की अन्य वजहों में मोटापा , प्यूरीन से भरपूर भोजन, मधुमेह और शराब आदि प्रमुख हैं।

शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से हड्डियां और जॉइंट सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। साथ ही रिसर्च में यह भी बात सामने आई है कि उच्च यूरिक स्तर के कारण टाइप 2 डायबिटीज, उच्च रक्तचाप और फैटी लिवर आदि होने का खतरा होता है। इसलिए आपको भी सचेत होने की जरूरत है अगर ऐसे लक्षण नजर आएं तो…

1. शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने पर गाउट बन जाता है जो घुटने, एड़ी और पैर की उंगलियों के जोड़ को प्रभावित करता है। इसके कारण आपके शरीर के इन हिस्सों में बहुत तेज दर्द और जलन होती है।

2. अगर आप थोड़ी देर के लिए भी पैरों को नीचे करके या टेबल-कुर्सी पर बैठते हैं तो पैर में सूजन और दर्द होने लगता है।

3. बुखार लगना, ठंड लगना और थकावट होना आदि लक्षण भी शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने का कारण हो सकते हैं।

4. जोड़ों का दर्द, दर्द की जगह का लाल होना और सूजन आदि भी यूरिक एसिड की वजह से होता है। ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है।

5. अगर आपकी मांसपेशियों में लगातार दर्द महसूस हो तो यह भी यूरिक एसिड की वजह से हो सकता है।

यूरिक एसिड से बचने के लिए इन पांच बातों का रखें ख्याल :

– यूरिक एसिड से बचने के लिए शरीर में पानी की सही मात्रा जरूरी है। भरपूर मात्रा में पानी जरूर पीएं।

– नियमित एक्सरसाइज और व्यायाम करें। लाइफ़स्टाइल पर खास ध्यान दें

– ऐसे फूड से परहेज करें जिसमें प्यूरिन अधिक होती है, क्योंकि यह यूरिक एसिड बढ़ाता है।

– यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए नियमित अंतराल पर खान-पान भी जरूरी है। डॉक्टरों के मुताबिक खानपान में ज्यादा गैप न दें

– डायबिटीज भी यूरिक एसिड को बढ़ाता है। इसलिए डायबिटीज का स्तर लगातार चेक करते रहें।