अगर आपको टाइपिंग करते समय उंगलियों में झनझनाहट या सुन्नपन महसूस होता है, मॉर्निंग वॉक के दौरान पैरों में ताकत नहीं महसूस होती, या हाथ-पैरों में जलन होती है तो इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करें। ये लक्षण नसों की खराबी की तरफ इशारा करते हैं। नर्व वीकनेस एक ऐसी परेशानी है जिसमें हाथ-पैरों की नसें कमजोर महसूस होती है। हाथ-पैरों की नसों में होने वाली इस कमजोरी की वजह से डेली लाइफ पर गहरा असर पड़ता हैं। इस कमजोरी की वजह से शर्ट के बटन लगाना, कोई छोटी वस्तु उठाना, चलना, लिखना या ड्राइविंग करना भी मुश्किल हो सकता है। लंबे समय तक इन लक्षणों को अनदेखा करना गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
आयुर्वेदिक और युनानी दवाओं के एक्सपर्ट डॉक्टर सलीम जैदी ने बताया अगर हमारी बॉडी की नसें ठीक से काम न करें तो पूरी बॉडी का सिस्टम प्रभावित हो सकता है। एक्सपर्ट ने बताया नर्व वीकनेस की स्थिति को समझना जरूरी है। इन समस्याओं से बचने के लिए कुछ विटामिन बेहद जरूरी हैं। कुछ विटामिन का सेवन करके न सिर्फ हाथ-पैरों की नसों की कमजोरी दूर होती है बल्कि नर्व डैमेज का खतरा भी टलता है। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से ऐसे विटामिन हैं जो न्यूरोपैथी का इलाज करते हैं और नर्व वीकनेस को दूर करते हैं।
विटामिन B12 का करें सेवन
विटामिन B12, जो नर्व हेल्थ के लिए बेहद जरूरी है। यह हमारे नर्व सेल्स के प्रोटेक्टिव कवर मायलिन शीथ को बनाने में मदद करता है। वेजिटेरियन लोगों में इसकी कमी ज्यादा देखने को मिलती है, इसलिए उनके लिए सप्लीमेंट लेना जरूरी हो जाता है। इस विटामिन की कमी से एनीमिया, मसल वीकनेस, नर्व डैमेज, मेमोरी लॉस और मूड डिसऑर्डर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। विटामिन B12 मुख्य रूप से मीट, फिश, एग्स और डेयरी प्रोडक्ट्स में पाया जाता है।
विटामिन B1 का करें सेवन
नसों की कमजोरी दूर करने में विटामिन बी 1 यानी थायमिन का सेवन करना जरूरी है। यह विटामिन नर्व फंक्शन और एनर्जी मेटाबॉलिज्म के लिए बहुत जरूरी है। यह ब्रेन और नर्व्स को पर्याप्त ग्लूकोज उपलब्ध कराता है। इसकी कमी से बेरी बेरी रोग, मेमोरी लॉस और कंफ्यूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके प्राकृतिक स्रोत हैं होल ग्रेन्स, नट्स, सीड्स और कुछ सब्जियां।
विटामिन B6 भी है जरूरी
विटामिन B6 जो न्यूरोट्रांसमीटर बनाने में अहम भूमिका निभाता है। न्यूरोट्रांसमीटर वो केमिकल्स हैं जो ब्रेन सिग्नल्स को नर्व फाइबर तक पहुंचाते हैं। यह भी मायलिन शीथ बनाने में मदद करता है, जिससे नसें सुरक्षित रहती हैं। बॉडी में इस विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए डाइट में चिकन, अंडे, मछली, आलू और कुछ फल और सब्जियां खाएं।
विटामिन E भी है जरूरी
विटामिन E, जो एक पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट है। यह नर्व सेल्स को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और फ्री रेडिकल्स से बचाता है। रिसर्च बताती है कि विटामिन E अल्जाइमर जैसी बीमारियों में भी फायदेमंद हो सकता है। इसके नेचुरल सोर्स हैं बादाम, सूरजमुखी के बीज, पालक, ब्रोकोली और कुछ पौधों के तेल। अगर आप अपने नर्वस सिस्टम को हेल्दी रखना चाहते हैं, तो इन विटामिन को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें। बैलेंस्ड डाइट के साथ सप्लीमेंट्स भी जरूरत पड़ने पर मददगार हो सकते हैं। नसों को मजबूत बनाए रखने के लिए इन विटामिन को नियमित रूप से लेना एक स्मार्ट हेल्थ चॉइस है।
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