उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। बीजेपी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनाव प्रचार कर रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया है कि यूपी में अगर बीजेपी को बहुमत मिलता है तो सीएम योगी ही बनेंगे। हाल ही में योगी आदित्यनाथ ने कहा, पात्र व्यक्तियों को 12 दिसंबर से मुफ्त राशन बांटने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इससे 15 करोड़ जरूरतमंदों को फायदा होगा। मुफ्त राशन बांटने के लिए जरूरी व्यवस्था पहले से कर ली जाए।
योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर एक ट्वीट भी किया है। अब पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह की भी इस पर प्रतिक्रिया आई है। सिंह ने तंज कसते हुए ट्वीट किया, ‘लो कल्लो बात, 15 करोड़ लोगों को राशन की भी ‘बूस्टर डोज’। ये यूपी है, फ्री राशन से चुनाव जीतने की जुगत में लगी है, योगी सरकार। अपनी नाकामी नहीं देखते कि बेरोजगारी, महंगाई व बदहाली से भुखमरी के मुंह में झौंक दिया जनता को।’
इस पर कई लोगों की भी प्रतिक्रिया आ रही है। रोशन कुमार बरनवाल नाम के यूजर लिखते हैं, ’25 करोड़ जनता है। लेकिन राशन सिर्फ 15 करोड़ लोगों को ही मिलेगा।’ यूजर शकील रब अंसारी लिखते हैं, ‘उनसे गलती हो गई होगी शायद। इन्हें तो 15 लाख लिखना चाहिए था।’ एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘ये गरीब जनता है। ये सिर्फ 500 रुपए में वोट दे देती है। 5 किलो के राशन पर भी बीजेपी को वोट मिल सकते हैं। ये देश ऐसे ही सालों तक गुलाम नहीं रहा है।’
अबु ताहा नाम के यूजर ने लिखा, ‘सिर्फ राशन ही काफी है। रोजगार के लिए बात करना गुनाह हो चुका है। यही तो यूपी है साहब, यहां सरकार मुफ्त राशन बांटकर चुनाव जीतने के प्रयास में लगी रहती है।’ यूजर प्रशांत सिंह ने लिखा, ‘इसलिए तो कहा जाता है कि एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति ही देश चला सकता है। अनपढ़ व्यक्ति को तो वैक्सीन और राशन में अंतर ही नहीं पता है।’ यूजर शिवम यादव ने लिखा, ‘साहब अभी तो कुछ दिन बाद ये भी बोल सकते हैं कि उत्तर प्रदेश की सभी जनता को कैबिनेट में मंत्री बना देंगे। ये चुनाव है और यहां कुछ भी कभी भी बोला जा सकता है।’
यूजर सुनील सिंह लिखते हैं, ‘ये सिर्फ चुनावी जुमलेबाजी है। अक्सर ऐसा ही होता है जब नेता वायदा करने के बाद भूल जाते हैं।’ राहुल कुमार नाम के यूजर लिखते हैं, ‘जनता को बेवकूफ समझना बंद कर देना चाहिए। लोगों को फ्री राशन नहीं बल्कि रोज़गार चाहिए।’ एक यूजर ने लिखा, ‘इनका काम ही सिर्फ नाम बदलना है। इसलिए इनसे इससे ज्यादा की उम्मीद करना ही बेकार है।’