Tiku Weds Sheru Review: हमारे समाज में कई लोग फिल्मी होते हैं और इनकी जिंदगी का मकसद होता है कि किसी तरह भागकर या घर छोड़कर मुंबई पहुंच जाएं और वहां जाकर हीरो या हीरोइन बनें। ऐसे ज्यादातर लोग मुंबई जाकर या तो पूरी तरह बर्बाद हो जाते हैं या वहा एक्स्ट्रा बनने के लिए जद्दोजहद करते हुए अपनी जिंदगी गुजार देते हैं। निर्देशक साई कबीर की ये फिल्म ऐसे ही लोगों पर है।
नवाजुद्दीन सिद्दिकी ने इसमें शेरू नाम के एक शख्स का किरदार निभाया है जो मुंबई के फिल्म इंडस्ट्री में एक्स्ट्रा सप्लाई करता है और फिल्म बनाने का ख्वाब भी पाले हुए है। उसकी शादी भोपाल की एकलड़की टीकू (अवनीत कौर) से होती है जो खुद भी मुंबई पहूंचकर हीरोइन बनना चाहती है।
दोनों शादी के मुंबई पहुंचते ही कई तमाशे शुरू हो जाते हैं औऱ ये फिल्म उनको ही सामने लाती है। फिल्म औसत बनके रह गई है। ये औऱ बेहतर हो सकती थी बशर्ते इसकी कहानी और पटकथा पर ध्यान दिया जाता है। कहानी में झोल ये है कि ये शेरू को पता चलता है कि टीकू का पहले का पहले से ही अपने किसी दोस्त के साथ शारीरिक संबंध रहा है तो वो उसे छोड़ता नहीं बल्कि अपना लेता है।
उसके बच्चे को भी। ये अपने में एक परिवर्तन कामी सोच है लेकिन दर्शकों को ये स्वीकार नहीं होगा। फिर आगे चलकर टीकू अपने लाभ के लिए अपने शरीर का सौदा करती है। इसे भी दर्शक स्वीकार नहीं करेंगे।
फिल्म मे अंत में गोलीबाजी क्यों होती है और कौन ये सब कराता है ये भी साफ नहीं होता। ये फिल्म कंगना रनौत की प्रोडक्शन कंपनी के तहत बनी है। जैसी कि मीडिया में खबर आई थी कि उन्होंने निर्देशन में भी कुछ सुझाव दिए हैं। इसका एक अर्थ ये भी निकलता है कि निर्देशक साई कबीर स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पाए।