उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारी शुरू कर दी है। समाजवादी पार्टी की तरफ से अखिलेश यादव प्रचार कर रहे हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी था जब समाजवादी पार्टी ने बॉलीवुड एक्टर संजय दत्त को चेहरा बनाने का प्रयास किया था। संजय दत्त को राजनीति में लाने वाले कोई और नहीं बल्कि अमर सिंह ही थे। यहां तक कि 2009 के लोकसभा चुनाव में सपा ने संजय को लखनऊ से टिकट तक भी दे दिया था। लेकिन कुछ ऐसा हुआ था कि वह मंच पर भाषण तक भूल गए थे।

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संजय दत्त ने वो किस्सा खुद इंडिया टीवी के शो ‘आप की अदालत’ में सुनाया था। संजय दत्त ने बताया था, ‘मैंने अमर सिंह जी से कहा कि मुझे भाषण देना आता नहीं है तो मैं मंच पर जाकर क्या बोलूं? उन्होंने कहा कि रात को मेरे साथ बैठ और मैं तुम्हें दो-तीन पॉइंट देता हूं। उन्होंने बताया कि अपने पिता का जिक्र कर देना जब वो लखनऊ गए थे। दूसरी पॉइंट है कि गांधीगिरी के बारे में कुछ बोल देना और आखिरी में एक शेर बोल देना। ये सब उन्होंने मुझे तैयार करवा दिया। पूरी रात मैं उसे रटता रहा।’

संजय दत्त आगे बताते हैं, ‘अगले दिन जब मैं मंच पर गया तो यूपी में तो हर दूसरा आदमी नेता होता है। एक आए तो उन्होंने बहुत भारी भाषण दिया और उन्होंने बताया कि मेरे पिता लखनऊ आए थे। अब इससे मेरा पहला पॉइंट कैंसिल हो गया। दूसरा आदमी आया और उसने कहा कि इन्होंने गांधीगिरी को बहुत फैलाया है। अंत में अमर सिंह जी आए और उन्होंने आखिरी शेर भी खुद बोल दिया। इसके बाद मैं समझ गया कि राजनीति मेरे लिए बनी ही नहीं है। क्योंकि मेरा लोगों को लेकर दिल बहुत नरम है।’

अमर सिंह की क्या थी प्रतिक्रिया? उन्होंने बताया था, ‘अमर सिंह जी को ये समझ आ गया था कि मैं राजनीति के लिए नहीं बना हूं। मैंने उन्हें खुद भी कह दिया था कि आप मुझसे कुछ भी करवा लीजिए, लेकिन ये मुझसे नहीं हो पाएगा।’ एक बार संजय दत्त, लालू प्रसाद यादव के लिए प्रचार करने भी बिहार पहुंचे थे। संजय दत्त के बाद लालू यादव भाषण देना शुरू करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो पाता क्योंकि लालू भाषण देना ही शुरू करते हैं कि भीड़ ‘संजू बाबा’ के नारे लगाना शुरू कर देती है।