कृषि कानूनों को लेकर सियासत जारी है। देश के अलग-अलग हिस्से के किसान पिछले करीब 8 महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने 15 अगस्त को एक बार फिर रैली निकालने का ऐलान किया है। राजनीतिक गलियारों से लेकर न्यूज़ चैनलों पर इस मामले को लेकर बहस दिख रही है। आज तक पर ऐसी ही एक लाइव डिबेट में कांग्रेस की प्रवक्ता रागिनी नायक, बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा और बीकेयू नेता राकेश टिकैत आमने-सामने थे। डिबेट के दौरान संबित पात्रा राकेश टिकैत की टिप्पणी से नाराज हो गए।
डिबेट में अंजना ओम कश्यप ने राकेश टिकैत से पूछा- ‘आज आप बड़े गुस्से में लग रहे हैं, क्या बात है मामला तो ठीक है ना सब?’ इस पर राकेश टिकैत जवाब देते हैं– ‘ना, हम गुस्स में दिख रहे हैं कि हमको नेता मुक्ति अभियान चलाना पड़ेगा.. इन लोगों ने ये पार्टी बनाई। उनसे भी बयान दिलवादो..। वे बहुच विचारक लोग थे।’
डिबेट में जब ‘बिचोलियों’ को लेकर अंजना ओम कश्यप सवाल करती हैं तो राकेश टिकैत कहते हैं- ‘ये जो बड़ी कंपनियां हैं ये कौन हैं? हमने ये कहा कि एमएसपी को लेकर कानून बना दो। उसको बाजार खरीदे, सरकार खरीदे, जिसको व्यापार करना होगा उसे उसके अंडर खरीदें। अगर गेहूं का व्यापार नहीं करना तो मत करो। कपड़े पर करलो। लेकिन इनका प्लान क्या है, कि सस्ते में अनाज को लूटा जाए। देश की धन दौलत को लूटा जाए।’
राकेश टिकैत की इस बात पर संबित पात्रा रिएक्ट करते हैं औऱ कहते हैं- ‘प्लान बताता हूं…’। पात्रा के टोंकने पर राकेश टिकैत भड़क जाते हैं औऱ कहते हैं- ‘एक बार बात सुनले भाई, कोई बीमारी है क्या?’
पात्रा इस पर गुस्से में कहते हैं- ‘सुनना नहीं है टिकैत जी, दोनों में बातचीत बराबर की होगी। एकतरफा बात नहीं होती है टिकैत जी। ये लोकतंत्र है आप बात करेंगे तो हम भी जवाब देंगे। अंजना जी आप पहले इन्हें कंट्रोल करिए। एक तरफा बात नहीं चलती अंजन जी। आप जवाब सुन लीजिए अंजना जी।’
इस पर अंजना कश्यप बीच बचाव करते हुए कहती हैं- जी मैं सुनूंगी, पहले खत्म करने दीजिए। पात्रा कहते हैं- ‘क्या खत्म करने दीजिए, बीमारी शिमारी.. सब चलता रहता है इनका।’ अंजना इस पर कहती हैं- ‘एक दूसरे का सम्मान करिए। टिकैत साहब आप अपना गुस्सा शांत करलो।’
इस पर संबित पात्रा बिफर जाते हैं औऱ कहते हैं- ‘टिकैत मेरे नेता नहीं कि इनकी तू-तड़ाक सुन लूं।’