कृषि कानूनों के विरोध में किसान बीते 11 महीनों से दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं। होली के बाद अब दिवाली का त्योहार भी किसान दिल्ली के बॉर्डर पर ही मना रहे हैं। किसानों की मांग है कि जब तक कानूनों को वापस नहीं लिया जाता, वे वापस जाने वाले नहीं हैं। इस बात को लेकर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एनडीटीवी को भी इंटरव्यू दिया। बातचीत के बीच ही किसान नेता ने कहा कि अब वे संसद जाकर अपनी फसलों को बेचेंगे। उनके सवाल पर रिपोर्टर ने भी उन्हें घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा।
भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत से रिपोर्टर ने सवाल किया था, “आपने कहा था कि आप दिल्ली जाओगे? लेकिन फसलें दिल्ली ले जाने की क्या जरूरत है?” इस बात का जवाब देते हुए राकेश टिकैत ने कहा, “ये लोग ट्रैक्टर दिल्ली नहीं जाने दे रहे हैं और फसलें भी उसी में ही जाएंगी। देश के प्रधानमंत्री ने कहा है कि कहीं भी फसलों को बेच सकते हैं।”
किसान नेता राकेश टिकैत की इस बात पर कटाक्ष करते हुए रिपोर्टर ने पूछा, “कहीं भी बेचने का क्या मतलब, आप संसद के बाहर फसलों को बेच लोगे?” उनकी इस बात का जवाब देते हुए राकेश टिकैत ने कहा, “क्यों नहीं बेच सकते। देश के प्रधानमंत्री झूठ थोड़ी बोलते हैं। सुप्रीम कोर्ट से देश के संसद भवन के बीच कहीं भी फसलों को बेच सकते हैं।”
किसान नेता राकेश टिकैत ने अपने बयान में आगे कहा, “सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में फसलें बिक जाएंगी, मंडी की तो हमें तलाश करनी पड़ेगी।” रिपोर्टर ने राकेश टिकैत से दिवाली पर उनके घर जाने पर भी सवाल किया और पूछा, “आपको परिवार संग दिवाली मनानी चाहिए थी। बीवी बच्चों के साथ गांव में रहना चाहिए था।”
इस बात का जवाब देते हुए राकेश टिकैत ने कहा, “ये परिवार ही तो है। इस चीज को देखने वाला होना चाहिए। जो भी आदमी इसे जिस तरह से देखेगा, उसे उसी का गांव यहां पर दिखेगा। यहीं पर दीए जलाएंगे हम, सहारनपुर से ये चीजें आई हैं।” इसके अलावा राकेश टिकैत ने उपचुनाव में भाजपा के प्रदर्शन पर भी तंज कसा और कहा कि दवाई का असर हो रहा है।