केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में किसान लगातार दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैट का कहना है कि जब तक तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है, किसानों का आंदोलन यूं ही जारी रहेगा। आंदोलन के साथ-साथ राकेश टिकैत मोदी सरकार को भी घेरने का मौका नहीं छोड़ते हैं। ‘पंचायत आजतक यूपी’ में किसानों से जुड़े मुद्दों पर बात करते हुए भी राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि वे नहीं चाहते कि देश का किसान एसी में रहे।

दरअसल, कार्यक्रम में किसान नेता राकेश टिकैत से न्यूज ऐंकर अंजना ओम कश्यप ने सवाल किया कि जो आप यहां आंदोलन कर रहे हैं, आपका उद्देश्य क्या है? इसका जवाब देते हुए राकेश टिकैत ने कहा, “हमारा गन्ना भुगतान, हमारा आलू का किसान जो आत्महत्या कर रहा है, हमारा गेहूं का किसान।”

राकेश टिकैत ने अपने बयान में आगे कहा, “प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि एमएसपी थी, है और रहेगी। धान बिक रहा है 800 रुपये क्विंटल। मर गया किसान, गांव में जाकर पूछो कि हालात क्या है वहां।” किसान नेता की बातों पर अंजना ओम कश्यप ने कहा, “भाजपा आपको डिजाइनर किसान कहती है। आप एसी में सोते हैं। जो धूप में किसान काम करता है, उसे आप पेश ही नहीं करते।”

इसके जवाब में राकेश टिकैत ने कहा, “ये चाहते हैं कि किसान गरीब रहे। वह ट्रैक्टर न चलाए और उसके पास टूटा हुआ हल हो, बैल हों। देश का किसान कमजोर रहे, देश का किसान गाड़ी न ले सके। देश का किसान एसी में न रह सके, वह धूप में काम करता रहे, देश के लिए अनाज पैदा करता रहे और ये यहां चमचमाती कोठियो में रहें।”


किसान नेता यहीं नहीं रुके। उन्होंने सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए आगे कहा, “दिल्ली लखनऊ की चमचमाती कोठियों में किसान के भाग्य का फैसला नहीं होगा।” राकेश टिकैत ने कहा कि इनकी नजरें किसानों की जमीन पर हैं।

बता दें कि शो पर किसान नेता राकेश टिकैत ने बंगाल चुनाव का भी जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि गांव का किसान दवाई देता है। कुछ पार्टियों को दिमाग का बुखार है जो तीन सालों में उतरेगा। बंगाल में दवाई दी थी, कुछ आराम हुआ और कुछ रिएक्शन हो गया।