सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 11 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर चले आ रहे किसान आंदोलन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि किसानों की विरोध-प्रदर्शन का अधिकार है लेकिन सड़कों को अनिश्चितकाल के लिए रोका नहीं जा सकता है। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने इस टिप्पणी पर कहा है कि सड़क प्रदर्शनकारी किसानों ने नहीं बल्कि पुलिस ने जाम कर रखे हैं। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने भी इस पर टिप्पणी की है।
द क्विंट से बातचीत में राकेश टिकैत ने कहा कि रास्ते किसानों ने नहीं बल्कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने रोक रखे हैं। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को लेकर टिकैत से सवाल किया गया, ‘सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको प्रदर्शन करने का अधिकार है, रास्ता रोकने का नहीं।’
राकेश टिकैत ने जवाब दिया, ‘बिलकुल ठीक कहा सुप्रीम कोर्ट ने।’ उनसे फिर पूछा गया, ‘लेकिन सुप्रीम कोर्ट के कहने के बाद भी आप लोगों ने रास्ता रोक रखा है।’ राकेश टिकैत बोले, ‘कौन कह रहा? हमने तो नहीं रोका। मोदी सरकार ने रोका रास्ता। हमने तो खोल रखे हैं रास्ते ताकि लोग आ सकें बीच से।’
योगेंद्र यादव को सस्पेंड किए जाने को लेकर टिकैत ने कहा, ‘छुट्टी पर हैं वो एक महीने की। सारी चीजें बताने की होती हैं क्या? बहुत चीज कहने की होती है, बहुत चीज नहीं होती। जो भी हुआ सबकी सहमति से हुआ है।’
गुरुवार दिन में ही संयुक्त किसान मोर्चा ने यूपी गेट पर फ्लाईओवर के नीचे सर्विस लेन से किसानों के टेंट हटा लिए। इस बात को लेकर ऐसी बातें होने लगी कि बॉर्डर खाली किया जा रहा है। इस बात को अफवाह बताते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि ये निराधार है।
संगठन की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, ‘किसान भाइयों यह अफवाह फैलाई जा रही है कि गाजीपुर बॉर्डर खाली किया जा रहा है। यह पूर्ण रूप से निराधार है। हम यह दिखा रहे हैं कि रास्ता किसानों ने नहीं बल्कि पुलिस ने बंद किया है।’