Rajkummar Rao Birthaday: बॉलीवुड एक्टर राजकुमार राव को फिल्मों में आज जो मुकाम हासिल है उसे बनाने में उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी। सिंगिंग में दिलचस्पी, तायक्वांदो (मार्शल आर्ट का एक रूप) में नेशनल लेवल के गोल्ड मेडलिस्ट, मिमिक्री आर्टिस्ट। राजकुमार राव के एक्टर बनने से पहले की कहानी यही है। हरियाणा के गुरुग्राम में पैदा हुए राजकुमार राव का दसवीं क्लास में ही अभिनय का जज्बा पैदा हो गया था।

चूंकि राजकुमार का पूरा परिवार ही फिल्मों का दीवाना था लिहाजा राजकुमार की एक्टिंग की तरफ दिलचस्पी धीरे-धीरे परवान चढ़ने लगी और गुरुग्राम से निकल कर वे दिल्ली चले आए। गुरुग्राम से वह रोज 4 से 5 घंटे का सफर कर डीयू के आत्माराम कॉलेज में पढ़ाई करते उसके बाद मंडी हाउस चले जाते। राजकुमार ने मंडी हाउस के श्रीराम सेंटर से 2 साल का एक्टिंग में डिप्लोमा किया। इसके बाद वे अपने अभिनय को बारीकियों से तराशने के लिए FTTI का रुख कर लिया।

चेहरे पर गुलाब जल लगा देने जाते थे ऑडिशनः पुणे से पढ़ाई खत्म करने के बाद जब मुंबई पहुंचे तो संघर्ष शुरू हुआ। दोस्तों के साथ रूम शेयर करते थे। महीने के 7 हजार रुपए रूम का किराया देते। लेकिन ये रकम राजकुमार के लिए उस वक्त काफी बड़ी थी। एक वक्त ऐसा भी रहा जब उनके अकाउंट में सिर्फ 18 रुपए बचे थे और दोस्त के पास सिर्फ 23 रुपए। लेकिन संघर्ष जारी रहा। गौरतलब बात है कि राजकुमार राव खुद की शक्ल हीरो के माफिक नहीं मानते थे लिहाजा वह चेहरे पर गुलाब जल लगाकर ऑडिशन देने जाते थे ताकि उनका चेहारा ठीक दिख सके।

अमिताभ बच्चन की फिल्म में बने न्यूज रीडरः काफी संघर्षों के बाद राजकुमार राव को पहली फिल्म मिली रण। कम ही लोग जानते हैं कि एकता कपूर की फिल्म लव सेक्स और धोखा करने से पहले राजकुमार रण फिल्म में नजर आ चुके थे। लेकिन तब उनको किसी ने नोटिस नहीं किया था। अमिताभ बच्चन की फिल्म में राजकुमार एक न्यूजर रीडर के रूप में दिखे थे। इसके लिए उन्हें 3 हजार रुपए मिले थे। फिल्म साल 2004 में रिलीज हुई थी।

संघर्ष के दिनों में दोस्तों संग खाना शेयर करते थेः फिल्म इंस्टीट्यूट पुणे से एक्टिंग में कोर्स करने के बाद राजकुमार राव मुंबई चले आए। यहां करीब एक साल तक राजकुमार राव को काफी संघर्स करना पड़ा। यहां तक की कई बार खाने के पैसे नहीं होने की वजह से दोस्त के साथ खाने को शेयर किया करते।

बदलनी पड़ी नाम की स्पेलिंग और सरनेमः संघर्ष के दिनों में उनकी मां राजकुमार को एक ज्योतिषी सलाह दी। उनकी मां का ज्योतिष में काफी विश्वास होता था। उन्होंने राजकुमार को अपने नाम में बदलाव करने को कहा। मां ने इसके लिए न्यूमेरोलॉजिस्ट से बात की थी। तब वे Rajkumar से Rajkummar लिखने लगे। यही नहीं राजकुमार को उनकी मां ने सरनेम भी बदलने को कहा। और फिर राजकुमार यादव से वे राजकुमार राव बन गए।

गर्लफ्रेंड पत्रलेखा पर जान छिड़कते हैं राजकुमारः  राजकुमार राव की गर्लफ्रेंड पत्रलेखा से पहली बार मुलाकात एक विज्ञापन शूट के दौरान हुए थी। इस पहली मुलाकात में ही राजकुमार राव को पत्रलेखा से प्यार हो गया था। यही नहीं राजकुमार राव ने पत्रलेखा उर्फ अन्विता पॉल से उस पहली मुलाकात में ही शादी करने का विचार भी बना लिया था। और फिर साल 2014 में सिटी लाइट फिल्म साथ में करने के बाद दोनों का प्यार और गहरा हो गया। दोनों खुलकर मीडिया के सामने अपने रिश्ते को कबूल किया। राजकुमार पत्रलेखा पर जान छिड़कते हैं।