Rajesh Khanna Birthday: हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना (Rajesh Khanna) आज भले ही इस दुनिया में नहीं हैं। मगर उन्हें उनकी एक्टिंग के लिए आज भी याद किया जाता है। उन्होंने अपने अभिनय से इंडस्ट्री में एक अलग छाप छोड़ी है। एक समय था जब उनके लिए काफी तगड़ी फैन फॉलोइंग थीं। लड़कियां उन पर मर मिटने के लिए तैयार थीं। ख़तों की लाइन लागी रहती थी। उन्होंने ख़तों को पढ़ने के लिए एक व्यक्ति को रखना पड़ा था। लेकिन, उनके बारे में इस बात को बहुत कम ही लोग जानते होंगे कि एक सफल एक्टर बनना उनके लिए काफी मुश्किल रहा था। उन्होंने बचपन में ही तंगी झेली थी और मां-बाप तक ने साथ छोड़ दिया था। उनकी जिम्मेदारी रिश्तेदारों को दे दी थी। उनके बारे में ये सारी बातें उनकी 81वीं बर्थ एनिवर्सरी पर बता रहे हैं।
राजेश खन्ना बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार थे। उनका जन्म 29 दिसंबर, 1942 को अमृतसर में हुआ था। वो 18 जुलाई, 2012 को दुनिया छोड़ गए थे। उन्हें कैंसर था, जिसकी वजह कम उम्र में ही उनका निधन हो गया था। मगर उन्होंने अपनी जिंदगी के जितने साल भी जिए वो बेमिसाल रहे थे। उन्होंने जब अपना फिल्मी करियर शुरू किया तो तीन सालों में 15 हिट्स देकर सुपरस्टार का टैग अपने नाम कर लिया। वो करीब 20 सालों तक इंडस्ट्री में अकेले राज करते रहे। अमिताभ बच्चन की एंट्री के बाद उनका स्टारडम हिल गया था। बिग बी एंग्री यंग मैन पर पर्दे पर छा गए थे।
बचपन में देखी तंगी
राजेश खन्ना का बचपन कुछ खास नहीं रहा। उन्होंने छोटी उम्र में ही काफी तकलीफें झेली थी। उनके माता-पिता के पास उन्हें पालने तक के पैसे नहीं थे। उनका बचपन का नाम जतिन खन्ना था। उनके पिता स्कूल में टीचर थे। बंटवारे के बाद वो पाकिस्तान से भारत के अमृतसर में बस गए थे। इस विभाजन की वजह से उनके पिता की नौकरी चली गई थी। घर की हालत काफी खराब हो गई थी। उस समय राजेश 6 साल के थे। घर की माली हालत को देखते हुए उनके माता-पिता ने उनकी अच्छी परवरिश की जिम्मेदारी मुंबई में रह रहे रिश्तेदारों को सौंप दी थी।
वहीं, राजेश खन्ना बचपन से ही एक्टिंग के लिए जुनूनी थे। 10 साल की उम्र में ही उन्होंने थिएटर ज्वॉइन कर लिया था। उन्हें बोंगो और तबला बजाने में खासा दिलचस्पी थी। स्कूल के दिनों से जितेंद्र उनके अच्छे दोस्त थे। इसके साथ ही एक्टर के पिता नहीं चाहते थे कि वो एक्टर बने। पिता ने लाख मना किया मगर वो अपने सपने के लिए अटल रहे। फिल्मों में आने के लिए अपना नाम बदलकर राजेश खन्ना कर लिया था। उन्होंने 1966 में आई फिल्म ‘आखिरी खत’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इसके बाद वो ‘राज’ में दिखाई दिए, जिसने बॉक्स ऑफिस पर तबाही ला दी थी। इसे 65 लाख के बजट में बनाया गया था और फिल्म ने इंडियन बॉक्स ऑफिस पर 1 करोड़ का कलेक्शन किया था। इसके बाद उन्होंने तीन सालों में 15 हिट्स दी और इंडस्ट्री के पहले सुपरस्टार बन गए।
जब अकेले पड़ गए राजेश खन्ना
राजेश खन्ना की लाइफ में एक ऐसा समय आया जब सबकुछ खत्म होने लगा। इधर डिंपल कपाड़िया के साथ उनके रिश्ते में दरार आने लगी फिर अमिताभ बच्चन की एंट्री हुई और उनका करियर थमने लगा। एक्टर के लिए ये वो समय था जब वो लगातार डाउनफॉल का सामना कर रहे थे। इस दौरान वो बिल्कुल अकेले पड़ गए थे। यहां तक कि जब 2005 में राजेश खन्ना को फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड देने का ऐलान हुआ तब भी वो वहां अकेले ही दिखे थे। उन्होंने इस फंक्शन के लिए एक्स्ट्रा पास मांगे थे लेकिन फिर भी उनके साथ कोई नहीं पहुंचा था।
डाउनफॉल के बाद राजेश खन्ना को 2011 में कैंसर की बीमारी का पता चला। फिर जून 2012 में उनकी तबीयत लगातार बिगड़ने लगी। लेकिन लगातार इलाज के बाद भी वो जिंदगी से जंग हार गए और अंत में 18 जुलाई, 2012 को उनका निधन हो गया था। उनकी अंतिम यात्रा में करीब 10 लाख लोग शामिल हुए थे।