पेगासस को लेकर केंद्र सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आ गई है। दरअसल, एनडीटीवी की खबर के मुताबिक पेगासस से भारत में मंत्रियों, जजों, पत्रकारों और संघ के नेताओं की निगरानी की गई। खबरों के मुताबिक कांग्रेस नेता राहुल गांधी और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी पेगासस के निशाने पर थे। इस मामले को लेकर न्यूज 24 के डिबेट शो में भी चर्चा की गई। इस दौरान कांग्रेस नेता रागिनी नायक और भाजपा प्रवक्ता शाजिया इल्मी में भी जमकर बहस हुई। रागिनी नायक ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि सारा काम विपक्ष कर लेंगे, मोदी जी को 10 लाख का सूट पहनने और मोर को दाना चुगाने के लिए समय चाहिए।
डिबेट के दौरान भाजपा प्रवक्ता ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका आरोप सही है तो उन्हें अपना फोन जांच के लिए दिल्ली पुलिस के साइबर सेल में दे देना चाहिए। शिकायत दर्ज कराकर उन्हें फोन सौंप देना चाहिए। उनकी इस बात को लेकर रागिनी नायक ने भी जबरदस्त जवाब दिया।
रागिनी नायक ने शाजिया इल्मी की बातों पर तंज कसते हुए कहा, “सब कुछ कांग्रेस पार्टी और विपक्ष को करना चाहिए। मोदी जी को मोर को दाना चुगाने के लिए समय चाहिए, उन्हें प्लेन में उड़ना चाहिए। मोदी जी को अपने ही नाम का लिखा हुआ 10 लाख का सूट पहनना चाहिए। बाकी सारा काम हम खुद कर लेंगे।”
कांग्रेस प्रवक्ता @NayakRagini जी का तगड़ा जवाब,
…अगर सारी जांच राहुल गांधी और कांग्रेस को ही करनी है तो Modi जी क्या सिर्फ 10 लाख का सूट पहनकर मोर को दाना खिलाएंगे ।pic.twitter.com/ca16hbA6w7
— Abhay Singh Sonwani (@abhaysonwani_cg) July 23, 2021
बता दें कि डिबेट के दौरान भाजपा प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने राहुल गांधी, प्रशांत किशोर और ममता बनर्जी को चुनौती दी। उन्होंने कहा, “ये मेरी चुनौती है कि जाइये साइबर क्राइम सेल में और जांच कराइये।” इस बात का जवाब देते हुए भी रागिनी नायक ने सरकार पर निशाना साधा।
रागिनी नायक ने कहा, “व्यक्तिगत रूप से कोई भी व्यक्ति जाकर एफआईआर दर्ज करा सकता है। कोर्ट जा सकता है, तमाम तरह की न्यायिक प्रक्रिया का इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन भारत की सरकार कुछ नहीं कर सकती हैं और शाजिया इल्मी इस बात को मान लें।”
रागिनी नायक यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने इस बारे में बात करते हुए आगे कहा, “भारत की सरकार यह बताना ही नहीं चाहती कि पेगासस का इस्तेमाल हो रहा है या नहीं। अगर हो रहा है तो इन लोगों का फोन गैर कानूनी तरीके से निगरानी के लिए खिलौना क्यों बनाया गया है?”