गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बीते दिन अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के बाद उन्होंने मीडिया का संबोधन किया और कहा कि अब पार्टी के द्वारा उन्हें जो भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, वह उसका निर्वहन करने के लिए तैयार हैं। विजय रूपाणी के इस्तीफे के बाद से ही मोदी सरकार व भाजपा एक बार फिर से निशाने पर आ गई है। इस मुद्दे पर हाल ही में मशहूर पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने भी ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने सीएम का चुनना एक इवेंट बताया है। अपने इस ट्वीट के कारण पुण्य प्रसून बाजपेयी सुर्खियों में आ गए हैं।

पुण्य प्रसून बाजपेयी ने विजय रूपाणी के इस्तीफे पर रिएक्शन देते हुए लिखा, “ये गुजरात है। चुनाव के बाद नहीं, चुनाव के लिए सीएम चुनना भी इवेंट है।” उनके इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर ने भी खूब कमेंट किये। मुनव्वर नाम के यूजर ने लिखा, “इंजन में खराबी हो तो बार-बार डिब्बा बदलने से इंजन ठीक नहीं हो जाएगा। राष्ट्रीय संपत्ति बेचकर नौकरी छीनकर पान की तरह चुनाव प्रचार में लाखों खर्च करके विकास नहीं होता है।”

मुकेश ठक्कर नाम के यूजर ने पुण्य प्रसून बाजपेयी के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा, “11 सितंबर, 2021 को गुजरात भाजपा का हाई वोल्टेज ड्रामा मार्केटिंग पॉलिसी है और कुछ नहीं।” आनंद मुंद्रा नाम के यूजर ने लिखा, “हमारे सीएम ने काम नहीं किया तो पार्टी को यह बात समझ में आ गई। लेकिन जनता को कब समझ आएगा।”

बता दें कि कई सोशल मीडिया यूजर ने पुण्य प्रसून बाजपेयी के ट्वीट का विरोध भी किया। अनूप शुक्ला ने पुण्य प्रसून बाजपेयी पर तंज कसते हुए लिखा, “गजब है, बिना मीडिया के भनक लगे, चुपचाप सीएम बदल गया। फिर भी आपको यह इवेंट लगा। प्रभू अब तो चश्मा हटा लीजिए।”

विनोद कुमार नाम के यूजर ने पुण्य प्रसून बाजपेयी को जवाब देते हुए लिखा, “भाजपा ने कम से कम इतनी हिम्मत तो दिखा दी कि जो इनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता, उसे बदलने में संकोच नहीं करते। फिक्र तो उन सबको करनी चाहिए, जो एक अक्षम को सर्वोपरि बनाने के लिए अपनी पूरी पार्टी का सत्यानाश कर रहे हैं।”