Punya Prasun Bajpai: पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी सोशल मीडिया पर आए दिन अपने पोस्ट से सबका ध्यान आकर्षित करते हैं, जिसमें लोगों के भी ढेरों रिएक्शन सामने आने लगते हैं। बाजपेयी ने अब एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने पूछा-संविधानसभा में चुनाव आयोग पर क्या चर्चा हुई? चुनाव आयोग को बनाते वक्त क्या सोचा गया? तो क्या महज़ 71 बरस में चुनाव आयोग ढह गया? प्रसून बाजपेयी के इस पोस्ट पर लोगों ने भी सोशल मीडिया पर अपनी राय रखनी शुरू कर दी।
9 बीघा का छोटा किसान नाम के एक अकाउंट से पोस्ट सामने आया- जब तक बीजेपी जीतती रहेगी, तब तक तुम्हें इसी प्रकार की खुजली रहेगी। कभी लगेगा कि सुप्रीम कोर्ट ढह गया है और कभी लगेगा चुनाव आयोग ढह गया है। अगर बीजेपी हार जाएगी तो तुम्हें सभी संस्थाओं में विश्वास होना शुरू हो जाएगा। शास्त्रों में इसे ही “पाखंडी पत्तलकार” कहा गया है।
अरविंद मिश्रा नाम के यूजर ने लिखा- दरअसल आजादी के बाद से ही फर्जी नरेटिव गढ़ कर, जिस झूठे लोकतंत्र का झुनझुना बजाते हुए तुम और तुम्हारे आका जो सेकुलर डांस, प्रधानमंत्री के विशेष विमान में करते थे ना, वो बंद तो है हीं, जनता ने भी लतिया दिया है। तब से तुम्हारा गैंग एक ही एजेंडे पर है कि भारतवर्ष में लोकतंत्र नहीं रहा।
संविधानसभा में चुनाव आयोग पर क्या चर्चा हुई
चुनाव आयोग को बनाते वक्त क्या सोचा गया..
तो क्या महज़ 71 बरस में चुनाव आयोग ढह गया ?https://t.co/zquCNnxYel via @YouTube— punya prasun bajpai (@ppbajpai) April 13, 2021
प्रमोद नाम के यूजर ने कहा- ‘जब बूथ लूटे जाते थे, वोटर बूथों पर मारे जाते थे, मतपेटियों से जिन्न निकलते थे, तब चुनाव आयोग बुलंदी के शिखर पर था और तुम्हारे दिव्य ज्ञान चक्षु प्रकाशमान थे। खैर आज मूड खराब नहीं करना। एक ने लिखा-कोर्ट बंद हो गया क्योंकि वो अपने लिए सही निर्णय ले सकता है। पंचायत चुनाव को स्थगित कराने के लिए याचिका खारिज कर दी। उसमें जो चुनाव कर्मी जायेंगे वो इनके घर के थोड़े ही हैं। जब पंचायत चुनाव covid प्रोटोकॉल से हो सकते हैं तो कोर्ट क्यों नहीं खुल सकते?
एक यूजर ने कहा- व्यवस्था जर्जर हो गई या कर दी गई? ढहती उम्मीदों ने टूटते भरोसे की तस्दीक़ कर दी, संस्थाओं का नतमस्तक हो जाना लोकतंत्र के लिए दुखद है। एजे आयूष नाम के यूजर बोले- ममता दीदी, मुस्लिम भाइयों बहनों। अगर भाजपा सत्ता में आ गई तो आप लोग ख़तरे में पड़ जाओगे.. क्या ये बयान कार्यवाही योग्य नहीं है तुम्हारे अनुसार ?
एक ने कहा- इन्हें केवल बीजेपी की हार को देखने पर ही संवैधानिक संस्था में विश्वास आता है अब बंगाल में बीजेपी जीत रही है तो इन्हें सारी संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ माहौल बनाना है। यह पत्रकार नहीं है, यह दोगले दलाल हैं। एक ने कहा- ये सवाल तो आपको कांग्रेस से करना चाहिए कि 70 बरसों में उन्होंने ऐसा क्या किया जो ऐसी स्थिति आई।