देश में कोरोना के चलते स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी ने कोरोना के कारण देश के हालातों पर बोलते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा। कोरोना के प्रकोप के बीच दवाओं और ऑक्सीजन की कमी पर बोलते हुए बाजपेयी केंद्र सरकार पर बिफरते दिखे। पुण्य प्रसून बाजपेयी ने एक के बाद एक तीन ट्वीट कर अपना गुस्सा सरकार के प्रति जाहिर कह लिखा- ‘सत्ता याद रखे, वक्त कितना भी बीत जाए। इस वक्त को कोई भूलेगा नहीं।’
अपने अगले पोस्ट में पुण्य प्रसून बाजपेयी ने कहा- दवाई/ऑक्सीजन की कालाबाज़ारी बंद होनी चाहिए, सांसद/विधायक की ख़रीद-फ़रोख़्त भी बंद होनी चाहिए। अपने अगले पोस्ट पर एक तस्वीर शेयर करते हुए वे बोले- ‘दिल्ली में राजपथ का एक नज़ारा, सांसें थमी पर सेन्ट्रल विस्ता प्रोजेक्ट नहीं थमा।’ पुण्य प्रसून बाजपेयी के इन पोस्ट को देख कर सोशल मीडिया पर लोगों के कमेंट्स की बाढ़ सी आ गई।
ऑक्सीजन की कालाबाज़ारी और विधायकों की फरोख्त वाले पोस्ट पर बोलते हुए जीत कुमार नाम के यूजर ने कहा- जब ज़िम्मेदार नेता काला बाज़ारी में एक चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए उनके विधायक और सांसद, काला बाज़ारी करके ख़रीद सकते, तो किस मुंह से ऑक्सीजन और दवाइयों की काला बाज़ारी को रोकने को कह सकते हैं। सभी तरह की काला बाज़ारी बंद हो।
एक ने कहा- काला बाजारी करने की अनुमति अंग्रेजों की व्यवस्था के अन्दर से है। इसके लिए दिनकर जी ने नेहरू के समय पर कहा था बस फर्क समय का है, पार्टी का है शेष तो वही है सब कुछ।
दवाई/आक्सीजन की कालाबाज़ारी बंद होनी चाहिए..
सांसद/विधायक की ख़रीद-फ़रोख़्त भी बंद होनी चाहिए— punya prasun bajpai (@ppbajpai) May 6, 2021
एक यूजर बोला- बहुत क्रांतिकारी विचार। निशांत नाम के यूजर ने कहा- ‘सांसद विधायकों की खरीद फ़रोख़्त और नेताओं का फर्जी और फिक्स इंटरव्यू कराने वाले पत्रकारों पर क्या कहेंगे?’
जतन नाम के यूजर ने भी पूछा-और ‘पत्रकारों’ की खरीद-फरोख्त ? जारी रहनी चाहिए? विवेक देशवाल नाम के यूजर ने कहा- ‘सही कहा फरीदाबाद में कांग्रेसी नेता विजेंद्र मावी के घर पर ऑक्सीजन सिलेंडरों का ज़ख़ीरा मिला। ये साहब इनकी कालाबाजारी करते थे और एक सिलेंडर 40 हज़ार में बेचते थे! राहुल गांधी सर, देश ऑक्सीजन के लिए दिन-रात एक किए हुए है और आपके लोग इंसानियत का गला घोट रहे हैं।’
एक यूजर ने कहा- ‘बंगाल में जो हिंसा हो रही है उस पर चुप रहो कुछ ना लिखो, अब इनके चाहने वाले जरा खुद से पूछें कि अगर यही हाल किसी भी बीजेपी रूल स्टेट में होता तो अब तक कितने वीडियो बन गए होते! इसी बात पर आप अंदाजा लगाएं।’
समीर खान नाम के शख्स ने लिखा- इस बार जालिम सरकार ने भारतीय लोगों के वजूद पर हमला किया है। इसे सदियों तक याद रख जायेगा और इतिहास (तारीख) के पन्नों पर काले और मोटे अक्षरों में ये सब लिखा जाएगा। महिवाल की सोनी नाम के अकाउंट से कमेंट आया- देखते हैं..भारतीय बहुत इमोशनल होते हैं। धर्म मजहब के नाम पर सब भूल जाते हैं। वैसे भूल तो नहीं सकते..लेकिन सब भूल जाएंगे और भर-भर कर वोट देंगे।