‘पेगासस’ को लेकर हंगामा मचा हुआ है, ऐसे में आजतक की लाइव डिबेट पर अंजना ओम कश्यप ने बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली से सीधा सवाल पूछा-‘क्या पेगासस के साथ सरकार की कोई डील हुई थी? हां या ना, आपने खरीदा है इस सॉफ्टवेयर को?’ इस पर बीजेपी प्रवक्ता ने कहा- इसका जवाब मैं दे नहीं सकता हूं, क्योंकि मैं सरकार में नहीं हूं। मुझे इसकी जानकारी नहीं है, और होनी भी नहीं चाहिए।’ इस पर अंजना कश्यप कहती हैं- ‘तो फिर जांच से क्या परहेज?’

ऐसे में नलिन कोहली कहते हैं- पहली बात मुझे इसकी जानकारी नहीं है, न होनी चाहिए क्योंकि मैं सरकार में नहीं हूं, जो सरकार में जाते हैं वो संविधान की शपथ लेते हैं, फिर उनसे एक संवैधानिक प्रक्रिया में अपेक्षा होती है कि सरकार के लिए काम क्या करते हैं वो। तो आप और हम साधारण लोग उस शपथ को नहीं लेकर सरकार में नहीं हैं तो हमें वो टिप्पणी भी नहीं करनी चाहिए।’

उन्होंने आगे कहा ‘अब आइए क्यों जांच से परहेज, पहली बात समझ लीजिए कि सबूत क्या है? ये एक आरोप है, हो सकता है कि 10 संस्थाओं ने मिलकर आपस में ये आरोप लगाए हैं। 45 देश हैं हो सकता है कि कुछ देशों में जहां पर ये हुआ है उनके पास सबूत आए होंगे। पर आप मुझसे क्या कह रहे हैं कि प्रहलाद पटेल जी का फोन या स्मृति जी के साथ काम करने वालों ने दिए थे फोन चेक कराने? ये आरोप उन संस्थाओं ने लगाए हैं, जिनमें से कुछ हमेशा से मोदी सरकार के विरोधी रहे  हैं। ये इनकी कहानी है, अब या तो फिर ये सबूत दें।’

बीजेपी नेता आगे बोले- ‘अब आ जाइए कि जांच क्यों नहीं होनी चाहिए? क्या हर चीज पर परीक्षाएं होती जाएं, जैसे सीता मैया की होती है परीक्षा, बिना सबूत के? राफेल पर भी लंबा चौड़ा चला था, सुप्रीम कोर्ट तक मामला गया, वहां बोले नहीं गलत है। रिव्यू में भी हार गए। आज भी कहते हैं कि नहीं नहीं राफेल में गड़बड़ हुआ, तो विपक्ष आरोप लगाना चाहता है लगाए। ये राजनीति है।’

इस पर अंजना कहती हैं- ये राजनीति कैसे है? लोकतंत्र में एक नागरिक का अस्तित्व क्या है? उसका प्रोफेशन छोड़ दीजिए, उसकी प्राइवेसी उसके लिए कितनी जरूरी है? परीक्षा देनी होगी आपको अगर बड़ा सवाल उठेगा तो। ये जरूरी होगा। आप कैसे भाग सकते हैं आप सरकार हैं। ये बड़ा गंभीर मामला है सर।