बॉलीवुड अभिनेता परेश रावल इस समय अपने एक इंटरव्यू को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं, जहां उन्होंने अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ी कई चीजें लोगों के साथ शेयर की है। आपने कई बार देखा होगा कि इंडस्ट्री में कई तरह के अवॉर्ड फंक्शन होते हैं। इसके साथ ही नेशनल अवॉर्ड भी स्टार्स के मिलता है। अब परेश रावल ने लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में इसी नेशनल अवॉर्ड को लेकर कई खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया है कि कैसे इसमें गंदी राजनीति होती है।

सिर्फ इतना ही नहीं, एक्टर ने यह भी बताया कि उनके मन में अब बस दो ही अवॉर्ड को लेकर इज्जत बची है। बाकी किसी अवॉर्ड के लिए तो वो अपने घर से बाहर ना जाए। चलिए जानते हैं कि उन्होंने क्या-क्या कहा है।

‘डर लगे तो बोल या अली मदद…’, जब महेश भट्ट की मां ने उनसे कही थी ये बात, बोले- हम सच को छिपाते थे…

‘सरदार’ के लिए मिलने वाला था नेशनल अवॉर्ड

अपनी बातचीत के दौरान परेश रावल ने कहा, “मैं 1993 या 1994 के आसपास मॉरीशस में शूटिंग कर रहा था। सुबह मुझे फोन आता है मुकेश भट्ट का। उन्होंने मुझे बताया कि ‘सर’ के लिए नेशनल अवॉर्ड मिल रहा है। फिर थोड़ी देर के बाद मुझे कल्पना लाजमी ने फोन किया और कहा कि ‘सरदार’ के लिए मुझे बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिलेगा। अभी ‘सर’ और ‘सरदार’ दोनों के लिए नेशनल अवॉर्ड मिल रहा है, बाकि के कोई अवॉर्ड के लिए तो ठीक है।”

इसके आगे उन्होंने कहा, “बाद में जब मुंबई आया, तब तक तो खाली एक ही अवॉर्ड था ‘सर’ का, ‘सरदार’ का नहीं था गायब हो गया था। दिल्ली आए हम लोग, अशोका होटल में रुके। मैं, केतम मेहता, अरुण खोपर, खालिद मोहम्मद साहब थे, शायद श्याम बाबू भी थे और एक टी सुब्बारामी रेड्डी, जो एमपी है। तो केतन भाई को मैंने बोला केतन भाई ये बोल रहे थे कि ‘सर’ और ‘सरदार’ दोनों के लिए मिलेगा। तभी सुब्बारामी ने कहा आप लोगों ने इसके लिए लॉबी नहीं की। हमने की थी।”

फिर उन्होंने बताया कि उस साल ममूटी भी नॉमिनेट हुए थे, लेकिन लॉबी का रोल खास रहा। सुब्बारामी रेड्डी ने कहा कि वोटों की गिनती में कुछ टेक्निकल बातें बताई, जिस कारण ममूटी को अवॉर्ड मिला। मैंने कहा ठीक है। इसके आगे परेश रावल ने बताया कि उनके दिल में बस दो अवॉर्ड को लेकर इज्जत है। एक्टर ने कहा, “दो अवॉर्ड की मेरे दिल में इज्जत है, जो मैं ले चुका हूं। लता मंगेशकर के हाथों दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड, जो लेने के लिए मैं सिंगापूर से आया था शूटिंग छोड़ के। दूसरा पीएल देशपांडे अवॉर्ड, जिसके लिए मैं पुणे गया था। बाकी दूसरे अवॉर्ड के लिए मैं घर से बाहर न निकलूं।”

नेशनल अवॉर्ड में बहुत खामियां

परेश रावल ने आगे बताया कि उनके मन में नेशनल अवॉर्ड के लिए इज्जत है, लेकिन इसमें बहुत खामियां हैं। एक्टर बोले, ‘नेशनल अवॉर्ड्स के साथ भी तकनीकि दिक्कतें हैं, गंदगी होती है। खेल खेला जाता है। जैसे मनीषा कोइराला की फिल्म को नहीं भेजा गया था। लॉबी तो होती है, लॉबी तो दबाकर होती है। ऑस्कर में होती है, तो ये तो क्या है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद सलमान खान ने रद्द किया अपना यूके दौरा, नई तारीखों का जल्द होगा ऐलान