दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र के निधन ने पूरा देश को शोक में डूबा दिया। 24 नवंबर को उनका निधन हुआ और 27 नवंबर को परिवार ने उनके लिए प्रेयर मीट रखी। धर्मेंद्र की अंतिम यात्रा इतनी जल्दबाजी में निकाली गई कि कई लोग इसमें शामिल नहीं हो पाए, लेकिन उनकी प्रार्थना सभा में मानों जनसैलाब उमड़ गया हो। इसमें शामिल हुए फिल्म निर्माता मनोज देसाई ने इस बात का खुलासा किया और ये भी कहा कि अच्छा हुआ हेमा मालिनी इसमें शामिल नहीं हुईं। ऐसा उन्होंने क्यों कहा, आइये जानते हैं…

विक्की लालवानी से बातचीत में मनोज ने बताया कि धर्मेंद्र की प्रार्थना सभा में वह सैकड़ों लोगों की कतार में खड़े थे और सनी देओल से मिलने के लिए उन्हें काफी देर इंतज़ार करना पड़ा। उन्होंने कहा,”कारों की बहुत लंबी लाइन लगी हुई थी। मेरी कार 86वें नंबर पर खड़ी थी। मेरे आगे-पीछे बड़ी-बड़ी गाड़ियां थीं। प्रार्थना सभा में भजन हुए और ऐसा लग रहा था जैसे पूरी दुनिया ही वहां मौजूद हो। हर कोई प्रार्थना सभा में आया था। मैं सनी देओल से मिला और उनसे कहा कि बहुत लोग आ रहे हैं, इसलिए मैं आगे वाले गेट से निकल जाऊंगा। उन्होंने मुझसे कहा, ‘आने के लिए धन्यवाद।’ बाहर इतनी लंबी कतार थी कि मुझे अपनी कार के लिए करीब 45 मिनट तक इंतज़ार करना पड़ा।”

मनोज ने बताया कि उन्होंने किसी भी कलाकार की प्रार्थना सभा में इतनी ज्यादा भीड़ पहले कभी नहीं देखी थी, जितनी उन्होंने धर्मेंद्र की प्रार्थना सभा में देखी। उन्होंने कहा, “मैं कई कलाकारों की प्रार्थना सभाओं में गया हूं, जिनमें राजेश खन्ना की प्रार्थना सभा भी शामिल है, जहां मैं अमिताभ बच्चन के पास बैठा था। मैं यश चोपड़ा की प्रार्थना सभा में भी गया था, लेकिन धर्मजी की प्रार्थना सभा जैसी मैंने पहले कभी नहीं देखी। ऐसा लग रहा था जैसे पूरा देश वहां मौजूद हो। ऐसा कोई नहीं था जो आना नहीं चाहता हो।”

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हेमा मालिनी ने देओल परिवार से अलग अपने घर में धर्मेंद्र के लिए प्रार्थना सभा रखी थी। इसे लेकर भी कई तरह की बातें बनाई गईं। अब मनोज ने इस बात पर भी टिप्पणी की कि धर्मेंद्र की दूसरी पत्नी और दिग्गज अभिनेत्री हेमा मालिनी ने मुंबई में उनके लिए अलग प्रार्थना सभा क्यों रखी और सनी देओल व परिवार द्वारा आयोजित प्रार्थना सभा में क्यों नहीं पहुंचीं।

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इसके बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “मुझे बिल्कुल हैरानी नहीं हुई कि हेमा जी वहां नहीं आईं। किसी भी तरह की चर्चा या विवाद होने से पहले ही उन्होंने उनके लिए अलग प्रार्थना सभा रख ली। यह अच्छा ही हुआ कि वह वहां नहीं आईं। हेमा जी और धर्मेंद्र जी एक-दूसरे के बहुत करीब थे, लेकिन अगर किसी ने कुछ कह दिया होता तो पूरी प्रार्थना सभा का माहौल खराब हो सकता था। इसलिए उनका अलग प्रार्थना सभा करना सही फैसला था।”

बता दें कि 27 नवंबर को अपने घर में अलग प्रार्थना सभा का आयोजन करने के अलावा हेमा मालिनी और उनकी दोनों बेटियों ने 11 दिसंबर को दिल्ली में भी एक प्रेयर मीट रखी थी। जिसमें राजनीति से जुड़े तमाम लोग शामिल हुए।