पटौदी खानदान के नवाब और एक्टर सैफ अली खान की कुछ पुश्तैनी संपत्ति मध्य प्रदेश के भोपाल में भी स्थित है। भोपाल रियासत से भी सैफ के परिवार का ताल्लुक है। उनकी भोपाल रियासत की ऐतिहासिक संपत्ति पर लंबे समय से विवाद चल रहा है, जिस पर अब मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने फैसला सुना दिया। कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें सैफ, उनकी बहनों सोहा और सबा खान और मां शर्मिला टैगोर को नवाब हमीदुल्ला खान के उत्तराधिकारियों की अपील पर संपत्तियों का उत्तराधिकारी माना गया था। हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को फिर से सुनवाई करके इसे एक साल के अंदर खत्म करने निर्देश दिया है। ऐसे में अब इस मामले को लेकर बॉलीवुड एक्टर ने सैफ पर निशाना साधा और कहा कि इन लोगों को पाकिस्तान भेज दो।

दरअसल, सैफ अली खान के 1500 करोड़ की संपत्ति के हाथ से निकल जाने पर खुशी मनाने वाला बॉलीवुड एक्टर कोई और नहीं बल्कि फिल्म क्रिटिक और एक्टर कमाल राशिद खान केआरके हैं। वो सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और सम-सामयिक मुद्दों पर विचार रखते हैं। ऐसे में अब सैफ की पुश्तैनी संपत्ति पर आए एमपी हाईकोर्ट के फैसले पर केआरके ने खुशी मनाते हुए कहा कि इनको पाकिस्तान भेज देना चाहिए।

केआरके ने सैफ अली खान की 1500 करोड़ संपत्ति की न्यूज को शेयर करते हुए लिखा, ‘कोर्ट ने सही फैसला सुनाया। सारे पटौदी और सिंधिया ट्रेटर्स थे। अपनी लाइफ को इन्जॉय करने के लिए ये ब्रिटिशर्स के तलवे चाट रहे थे। जबकि लाखों इंडियन्स आजादी के लिए लड़ रहे थे। मैं तो कहता हूं कि इनको पाकिस्तान भेजो।’ इस पर लोग खूब रिएक्शन दे रहे हैं।

सैफ की पुश्तैनी प्रोपर्टी को लेकर कोर्ट ने क्या कहा?

बहरहाल, अगर सैफ अली खान की पुश्तैनी 1500 करोड़ की प्रोपर्टी पर फैसले के बारे में बात की जाए तो एमपी हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया गया है, जिसमें सैफ के परिवार को नवाब हमीदुल्ला खान का उत्तराधिकारी माना गया था। ये मामला नवाब हमीदुल्ला खान से संबंधित है, जो भोपाल रियासत के अंतिम शासक थे। उनकी तीन बेटियों में से एक साजिदा ने इफ्तिखार अली खान पटौदी से शादी की थी और उनके बेटे मंसूर अली खान पटौदी थे, जो भारतीय क्रिकेटर टीम के पूर्व कप्तान रहे। उनसे शादी शर्मिला टैगोर ने की थी।

कोर्ट ने खारिज किया ट्रायल कोर्ट का फैसला

नवाब की सबसे बड़ी बेटी आबिदा के पाकिस्तान चले जाने के बाद साजिदा यानी कि मंसूर अली खान की मां ही इन सभी संपत्तियों का मालकिन बनी थीं। इस मामले में दो अपीलें दायर की गई थी, जिनमें से एक बेगम सुरैया राशिद और दूसरे नवाब मेहर ताज साजिदा सुल्तान द्वारा की गई थी। अपीलकर्ताओं ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को अनुचित बताया और कहा कि संपत्तियों का बंटवारा मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार होना चाहिए था। ऐसे में हाई कोर्ट ने निर्देश दिए कि मामले की सुनवाई नए सिरे से की जानी चाहिए। हाई कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने मामले के अन्य पहलुओं पर विचार किए बिना ही मुकदमों को खारिज कर दिया, वह भी उस फैसले पर भरोसा करते हुए जिसे पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

विवेक ओबेरॉय यूं ही नहीं बने 1200 करोड़ की संपत्ति के मालिक, एक्टिंग से दूर एक साल में कमा डाले 8500 करोड़