लुटियंस दिल्ली के अकबर रोड पर हिंदू सेना ने विक्रमादित्य मार्ग के नाम वाले पोस्टर लगा दिये। हिंदू सेना के अध्यक्ष ने इस संबंध में ट्विटर पर एक वीडियो भी शेयर किया और कहा कि सात अक्टूबर को ही सम्राट विक्रमादित्य हेमू ने मुगल बादशाह अकबर को हराया था। इसके अलावा पोस्टर लगाने वाले शख्स से जुड़ा एक और वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें वह पुलिस को देखते ही वहां से भागता नजर आया। इस मामले को लेकर अब आरजेडी और कुमार विश्वास सहित पत्रकारिता व राजनैतिक दिग्गज भी खूब ट्वीट कर रहे हैं।
राष्ट्रीय जनता दल ने हिंदू सेना के कार्यकर्ता का वीडियो ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा, “गद्दार सावरकर के संघी डरपोक कार्यकर्ता, जिन्हें न तो इतिहास की जानकारी है और न ही वर्तमान की। ये कथित जन्मजात सर्वश्रेष्ठ लोग सदा से पीठ दिखाकर देश से गद्दारी करते आए हैं।” पत्रकार उमाशंकर सिंह ने मामले पर चुटकी लेते हुए लिखा, “पर बोर्ड का रंग हरा ही छोड़ दिया, कितनी कच्ची ट्रेनिंग है।”
पत्रकार अंशुल सिंह ने वीडियो को अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया और लिखा, “दिल्ली पुलिस को देखते ही भागे हिंदू सेना के पोस्टरवीर कार्यकर्ता।” डॉक्टर कुमार विश्वास ने मामले पर रिएक्शन देते हुए लिखा, “निवेदिता को इस भीषण ‘ऐतिहासिक’ कवरेज के दौरान कठिन आत्मसंयम बनाए रखने के लिए सम्मानित किया जाना चाहिए।”
कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने वीडियो को लेकर तंज कसते हुए लिखा, “अरे ‘वीर सावरकर’ के पोस्टरवीर वंशजों, पुलिस देखकर, दुम-दबाकर काहे भाग रहे हो?” साक्षी जोशी ने वीडियो को साझा करते हुए लिखा, “व्हॉट्सएपिये को जब इतिहास पढ़ा दिया एक पढ़ी-लिखी रिपोर्टर ने, इस पांचवी फेल को लगता है अपनी स्कूल टीचर याद आ गई।”
साक्षी जोशी ने इस विषय में आगे लिखा, “क्लास में पहुंच गए पुलिस के माट साब, बस निकल लिया हिंदू सेना का ये ‘वीर’।” फिल्म निर्माता विनोद कापरी ने ट्विटर में दिल्ली पुलिस, दिल्ली के एलजी और गृह मंत्रालय को भी टैग किया और सवाल किया, “ये सब आपकी सहमति से हो रहा है?”
पत्रकार अभिषेक ने लिखा, “इस देश में न तो हिंदू खतरे में हैं और न ही मुसलमान। भारत को सिर्फ इन जैसे कट्टरपंथियों से खतरा है, जो इस महान देश को धर्म के आधार पर एक बार फिर बांटने का काम कर रहे हैं। ऐसे लोग असल में कायर होते हैं।”