मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स की फिल्म ‘इटर्नल्स’ में किंगो का किरदार निभाने वाले अभिनेता और कॉमेडियन कुमैल नानजियानी अपने नए स्टैंड-अप स्पेशल ‘नाइट थॉट्स’ को लेकर सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्होंने भारतीय सिनेमा और शाहरुख खान को लेकर भी कुछ ऐसा कह दिया, जिसके कारण उनकी चर्चा बढ़ गई है। उन्होंने कहा है कि शाहरुख खान सिर्फ फिल्म स्टार नहीं, बल्कि भगवान हैं।
हाल ही में कॉमेडियन हसन मिन्हाज के यूट्यूब चैनल पर दिए एक इंटरव्यू में कुमैल नानजियानी ने साफ कहा कि बॉलीवुड के सुपरस्टार्स और हॉलीवुड के सुपरस्टार्स के बीच फर्क है। उन्होंने यहां तक कहा और इस सवाल पर भी बात की कि कौन ज्यादा बड़ा मूवी स्टार है शाहरुख खान या टॉम क्रूज? हसन मिन्हाज के साथ बातचीत के दौरान कुमैल नंजियानी से फैंस की सबसे बड़ी बहस वाला सवाल पूछा गया, “शाहरुख खान या टॉम क्रूज इनमें से कौन ज्यादा बड़ा मूवी स्टार है?” इस पर नंजियानी ने जवाब दिया, “शाहरुख खान भगवान हैं, वह सिर्फ एक मूवी स्टार नहीं हैं।”
इसकी वजह बताते हुए कुमैल नानजियानी कहा, “क्या मैं आपको बता सकता हूं कि यह सुपरपावर बिल्कुल अलग स्तर की क्यों है? हम सेब और संतरे की तुलना कर रहे हैं। एक बार फिर, उर्दू भाषा पर उनकी महारत, और साथ ही वह दुनिया के सबसे बड़े मूवी स्टार हैं। लेकिन इसमें सबसे अहम बात है उनका विनम्रता वाला पहलू।”
नानजियानी ने शाहरुख खान की पब्लिक इमेज पर भी बात की और उनकी विनम्रता भरी शख्सियत की तुलना टॉम क्रूज़ की मूवी स्टार वाली इमेज से की। उन्होंने कहा, “मैं कहना चाहूंगा कि मैंने शाहरुख खान के बहुत सारे इंटरव्यू देखे हैं। टॉम क्रूज अपने मूवी स्टार वाले चश्मे और अंदाज़ के साथ सामने आते हैं, जबकि शाहरुख खान आकर कहते हैं, ‘अरे! मैं तो कुछ भी नहीं हूं।’ जाहिर है, वह जानते हैं कि यह सच नहीं है, लेकिन वह अपनी स्टारडम को लेकर इतने आत्मविश्वासी हैं कि जानबूझकर उसे कम करके दिखाते हैं।”
कुमैल नानजियानीने कहा, “वह एक बेहद बहुमुखी अभिनेता भी हैं। वह पहले लीड एक्टर्स में से थे जिन्होंने जटिल और नेगेटिव किरदार निभाने शुरू किए। जैसे ‘डर’ और ‘किरण’। मुझे लगता है कि उन फिल्मों में वह किसी हद तक विलेन थे, जो काफी दिलचस्प था।”
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इसके अलावा पाकिस्तान में जन्मे इस अभिनेता ने आगे भारत में सिनेमा के सांस्कृतिक महत्व पर भी रोशनी डाली और कहा कि फिल्मों और आम जिंदगी के बीच इतना गहरा रिश्ता अमेरिका में शायद ही देखने को मिलता है। उन्होंने कहा, “यहां (अमेरिका में) लोग यह नहीं समझते कि भारत के लिए फिल्में क्या मायने रखती हैं। वहां फिल्मों का महत्व यहां जैसा नहीं है। भारत में सिनेमा संस्कृति का इतना बड़ा हिस्सा है कि फिल्मी सितारे भगवान और राजा जैसे माने जाते हैं। बॉलीवुड की फिल्मों में आप लगभग 5 घंटे थिएटर में बिताते हैं, यानी आपका पूरा दिन वहीं निकल जाता है। वहां लोग अपनी फिल्मों को जिस श्रद्धा और सम्मान से देखते हैं, वैसा सम्मान अमेरिका में कभी नहीं रहा।”
