90 के दशक के मल्टी टैलेंटेड स्टार गोविंदा ने हिंदी सिनेमा में एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दीं और ऑडियंस का खूब एंटरटेनमेंट किया। वहीं इसके बाद गोविंदा ने राजनीति में भी एंट्री मारी और वादा किया था कि वह जैसे फिल्मी दुनिया में ‘हीरो नंबर 1’ हैं, वैसे ही राजनीति में भी ‘नेता नंबर 1’ बनेंगे। लेकिन ऐसा हो न सका। उल्टा हुआ यूं कि गोविंदा न ही राजनीति में कुछ अच्छा कर पा रहे थे और नही एक्टिंग फील्ड में ध्यान दे पा रहे थे।
जब गोविंदा ने साल 2004 में मुंबई नॉर्थ से लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था। तब उनके साथ एक वाकया हुआ। इस चुनाव में उनकी जीत हुई थी। वहीं अपोजिशन में खड़े बीजेपी नेता राम नाईक को करारी शिकस्त हाथ लगी थी। ऐसे में पूर्व राज्यपाल राम नाईक को इस बात पर विश्वास नहीं हुआ था। इसके बाद उन्होंने अपनी किताब में गोविंदा को लेकर एक खुलासा किया था।
राम नाईक ने अपनी किताब में दावा करते हुए लिखा था -कि 2004 के लोकसभा चुनाव में उनको हराने के लिए फिल्म स्टार और कांग्रेस प्रत्याशी गोविंदा ने अंडर वर्ल्ड की मदद ली थी। एक्स गवर्नर राम नाईक ने अपनी किताब ‘चरैवेति, चरैवेति’ (बढ़ते रहो) में जब ये बात कही थी तो गोविंदा ने भी इस पर रिएक्ट किया था।
ऐसे में गोविंदा ने भी मामले में अपनी तरफ से सफाई पेश की थी। उन्होंने एक ऑडियो जारी कर कहा था- कि उनपर लगाए गए आरोप गलत हैं। गोविंदा ने कहा था, ‘पुलिस नहीं कह रही, ये बात राम नाईक जी कैसे कह रहे हैं? अपनी हार को वह इतना दुखद कैसे ले सकते हैं? एक व्यक्ति की जीत का श्रेय वो अंडरवर्ल्ड को कैसे दे सकते हैं? मुझे खेद है कि वह इस स्तर पर आए। ये राजनीति में शोभा नहीं देता कि आप किसी व्यक्ति के ऊपर ऐसे अटैक करें, फिर चाहे वह दूसरी पार्टी का क्यों न हो।’
बता दें, उत्तर प्रदेश के पूर्व गवर्नर ने अपनी किताब में लिखा था कि फिल्म स्टार गोविंदा ने 2004 में लोकसभा चुनाव के दौरान चीटिंग की थी। उनको हराने के लिए गोविंदा ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के साथ बिल्डर हितेन ठाकुर की मदद ली थी। जिसके बाद वह चुनाव जीत गए थे।
बीजेपी नेता नाईक ने अपनी किताब में ये भी लिखा था कि वह तीन बार लगातार सांसद रहे। इस बीच उन्होंने मुंबई में काफी काम किया। फिर भी वह हार गए। सिर्फ 11 हजार वोट से मिली हार को वह पचा नहीं पाए।
अपनी किताब में दावा करते हुए उन्होंने ये भी कहा था कि गोविंदा की दाऊद और ठाकुर के साथ दोस्ती थी। ऐसे में उन्होंने वोटरों को मेनुपुलेट किया।