उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में दर्ज करीब 3 लाख मुकदमों को वापस लेने का फैसला लिया है। ये मुकदमे कोविड प्रोटोकॉल तोड़ने, नियमों का पालन न और लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों पर दर्ज थे। योगी सरकार के इस फैसले पर पूर्व IAS अफसर सूर्य प्रताप सिंह ने तंज कसा है और इसे ‘पहले मारो, फिर पुचकारो’ वाली नीति करार दिया है।

पूर्व आईएएस ने एक के बाद एक तीन ट्वीट किए, जिसमें उन्होंने योगी सरकार को घेरा। सूर्य प्रताप सिंह ने कोरोना काल की त्रासदी को याद करते हुए लिखा, ‘वोट के लिए जनमानस को मूर्ख बनाने की नीति देखो। “पहले मारो, फिर पुचकारो।” अंग्रेज भी यही करते थे, इतिहास उठाकर देख लो। ऑक्सीजन व दवा के अभाव में मरते, तड़पते लोगों पर करुणा व सहानुभूति के स्थान पर सरकार का क्रूर हंटर किस कदर चला, क्या लोग भूल जायेंगे?’

उन्होंने अपने अगले ट्वीट में बीजेपी के एक आंतरिक सर्वे का जिक्र करते हुए कहा कि योगी सरकार के लिए राह आसान नहीं है। पश्चिमी यूपी और पूर्वांचल में पार्टी को नुकसान होता दिख रहा है।

सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा- ‘स्थानीय चाटुकारों ने मुख्यमंत्री जी को तो अंधेरे में रखा है, पर केंद्र द्वारा किए गए इंटरनल सर्वे के नतीजे आ गए हैं। एक बड़े भाजपा नेता ने बताया कि पश्चिम और पूर्वांचल से भाजपा का क्लीन स्वीप हो रहा है। उठिए योगी जी, जल्दी से कुछ नफरत भरे ट्वीट करिए, बड़ी कठिन है डगर पनघट की।’

बीजेपी सरकार की नीतियों की अक्सर आलोचना करने वाले पूर्व आईएएस ने सीएम योगी को उनके और बयान को लेकर घेरा, जिसमें योगी ने कहा था ‘मेरी आस्था मेरे साथ है। मेरी आस्था राम में है तो मंदिर ही जाऊंगा।’ यूपी सीएम के इस बयान पर पूर्व आईएएस अधिकारी ने तंज कसते हुए कहा- ‘और दूसरों की आस्था का सम्मान करना, आपकी डिक्शनरी में नहीं! वाह,योगी जी।’

इधर, सपा नेता आईपी सिंह ने भी बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा- ‘जातीय सम्मेलनों से यूपी में बीजेपी को पिछड़े वर्ग और दलित वर्ग का वोट चाहिए। गुजराती और उत्तराखंडी नेता को CM, PM बनाने के लिए।’

आपको बता दें कि यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी पारा गरमा गया है। एक तरफ सीएम योगी विपक्षी दलों पर हमलावर हैं। तो वहीं, विपक्षी पार्टियां भी सरकार की तमाम नीतियों की आलोचना कर रही हैं और घेर रही हैं।