अभिनेता मनोज बाजपेयी एक दशक से अधिक वक्त से इंडस्ट्री में सक्रिय हैं। अपनी करिऊर यात्रा में अभिनेता अपनी अभिनय प्रतिभा के बूते दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब रहे हैं। इन दिनों वे अपनी आगामी फिल्म ‘भैया जी’ को लेकर चर्चा बटोर रहे हैं। मनोज बाजपेयी की फिल्म ‘भैया जी’ की बात करें तो यह फिल्म 24 मई को रिलीज होने जा रही है।
बाजपेयी ने मंगलवार को कहा कि भूमिकाएं चुनते समय उन्हें किसी दायरे में सीमित रहना पसंद नहीं है। उन्होंने कहा कि दूसरे लोग उनकी पसंद के बारे में क्या सोचते हैं, इससे वे प्रभावित नहीं होते। बाजपेयी अपनी आगामी फिल्म भैयाजी के प्रचार के लिए इंदौर आए थे, जो उनके करिअर की 100वीं फिल्म है।
बाजपेयी ने संवाददाताओं से कहा, मेरी भविष्य की फिल्में उन फिल्मों से अलग होंगी जो मैंने की हैं क्योंकि मुझे एक दायरे में सीमित रहना पसंद नहीं है। मैं एक ही तरह के किरदार निभाकर ऊब जाता हूं। उन्होंने कहा-मुझे नई चुनौतियों का सामना करके (एक अभिनेता के रूप में) लगातार खुद को बदलना पसंद है।
मेरा ध्यान इस बात पर अधिक है कि मैं एक अभिनेता के रूप में विकसित हो रहा हूं या नहीं? मैं इस बारे में थोड़ा कम सोचता हूं कि लोग क्या कहेंगे? यह पूछे जाने पर कि क्या पारिवारिक और सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित फिल्मों के लिए दर्शक सिनेमाघरों में लौटेंगे, बाजपेयी ने कहा, आज के समय में, सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि दर्शक सिनेमाघरों में लौटें और पहले की तरह एक साथ फिल्में देखें और आनंद लें। यह आज हर फिल्म निर्माता और हर कलाकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि बड़े स्क्रीन वाले थिएटर में 100-150 लोगों के साथ बैठकर ही फिल्म के हर पहलू का पूरा आनंद लिया जा सकता है, चाहे वह किसी भी तरह की फिल्म हो। मनोरंजन जगत में ओटीटी प्लेटफार्म के बढ़ते महत्त्व पर बाजपेयी ने कहा कि आजकल लोग मोबाइल फोन पर भी फिल्में देख रहे हैं, लेकिन फोन पर फिल्म के हर कलात्मक पहलू का पूरा आनंद लेना संभव नहीं है।
राजनीति में आने की संभावना पर बाजपेयी ने कहा कि वे राजनीति की दुनिया को नहीं समझते हैं, लेकिन वे हर पांच साल में मतदान करने की अपनी जिम्मेदारी जरूर निभाते हैं और उसके बाद वे मनोरंजन जगत में अपने काम में वापस लग जाते हैं।
बाजपेयी ने संवाददाताओं से कहा, मेरी भविष्य की फिल्में उन फिल्मों से अलग होंगी जो मैंने की हैं क्योंकि मुझे एक दायरे में सीमित रहना पसंद नहीं है। मैं एक ही तरह के किरदार निभाकर ऊब जाता हूं। उन्होंने कहा-मुझे नई चुनौतियों का सामना करके (एक अभिनेता के रूप में) लगातार खुद को बदलना पसंद है। मेरा ध्यान इस बात पर अधिक है कि मैं एक अभिनेता के रूप में विकसित हो रहा हूं या नहीं? मैं इस बारे में थोड़ा कम सोचता हूं कि लोग क्या कहेंगे?