आदित्य धर की फिल्म ‘धुरंधर’ रिलीज के करीब तीन हफ्तों बाद भी बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त प्रदर्शन कर रही है। हालांकि, रणवीर सिंह स्टारर इस फिल्म को कथित तौर पर ‘प्रोपेगेंडा’ और ‘एजेंडा आधारित’ कंटेंट को लेकर आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ रहा है। कंटेंट क्रिएटर ध्रुव राठी ने भी हाल ही में यूट्यूब पर एक वीडियो में इस स्पाई-थ्रिलर की आलोचना की थी।

अब, ‘धुरंधर’ में डोंगा का किरदार निभाने वाले अभिनेता नवीन कौशिक ने दिल्ली में SCREEN को दिए एक इंटरव्यू में फिल्म को मिल रही आलोचनाओं और ध्रुव राठी के वायरल दावों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। ध्रुव से फिल्म को मिली आलोचनाओं के बारे में नवीन ने कहा, जब कोई आपके काम की आलोचना करता है और आप उसे लेकर भावुक होते हैं, तो आपको उसकी बात को उसके नजरिए से देखने की कोशिश करनी चाहिए। मुझे इस फिल्म को लेकर हो रही आलोचनाओं से दुख होता है। कृपया फिल्म के निर्माण पर बात कीजिए। अगर आपको लगता है कि यह खराब बनी है या सिनेमा के मानकों पर खरी नहीं उतरती, तो उस पर जरूर चर्चा करें।”

उन्होंने आगे कहा, “लेकिन अगर आप कुछ पहलुओं को चुनकर उन्हें विचारधारा या प्रोपेगेंडा में बदलने की कोशिश करते हैं, तो मुझे यह स्वीकार्य नहीं है। कुछ लोग इसे हिंदू-मुस्लिम मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि हर कोई फिल्म को पसंद कर रहा है। अगर यह एजेंडा-ड्रिवन फिल्म होती, तो इसमें मुस्लिम टेक्नीशियन काम ही नहीं कर रहे होते।”

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ध्रुव राठी की टिप्पणियों पर असहमति जताते हुए नवीन ने कहा, “वह एक बहुत राय रखने वाले व्यक्ति हैं और मैं सवाल पूछने और चुनौती देने वालों का स्वागत करता हूं। ऐसा होना चाहिए, क्योंकि इसी से आप बेहतर बनते हैं। लेकिन मैं फिल्म को लेकर उनकी बातों से सहमत नहीं हूं, क्योंकि मैं इससे क़रीबी तौर पर जुड़ा हूं। उनका जो वीडियो कुछ दिन पहले आया, उसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली और बहुत व्यूज आए। तो मैं कहना चाहता हूं आपका स्वागत है। आपको भी थोड़ा फेम मिला। वैसे भी उन्हें इसकी जरूरत नहीं थी, लेकिन हमारी फिल्म पर बात करना उनके चैनल के लिए भी फायदेमंद रहा। मैंने समय के साथ यह सीखा है कि आप हर किसी को खुश नहीं कर सकते। अगर उन्हें फिल्म पसंद नहीं आई, तो इस देश में हर किसी को अपनी राय रखने की पूरी आजादी है।”

जब उनसे पूछा गया कि क्या धुरंधर की टीम को इस तरह की आलोचनाओं की उम्मीद थी, तो उन्होंने जवाब दिया, “हम सब जानते थे कि जब आप भारत-पाकिस्तान जैसे संवेदनशील विषय को उठाएंगे और इतिहास की घटनाओं को दिखाएंगे, तो यह लोगों की भावनाओं को छुएगा। बहुत से लोग इसका विश्लेषण करेंगे और इसे अलग-अलग तरह से देखेंगे। हमें पता था कि फिल्म पर बहुत ध्यान जाएगा, लेकिन हमें यह भी भरोसा था कि फिल्म, स्क्रिप्ट और कलाकार मज़बूत हैं। हमें यह अंदाज़ा नहीं था कि दर्शकों की इतनी बड़ी ‘आर्मी’ हमारे बचाव में खड़ी हो जाएगी।”

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क्या है मामला?

दरअसल ‘धुरंधर’ पर प्रतिक्रिया देते हुए ध्रुव राठी ने कहा था कि फिल्म के निर्देशक आदित्य धर ने झूठा दावा किया है और अपनी फिल्म के ज़रिए बेतुका प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश की है। अच्छी तरह बना प्रोपेगेंडा ज़्यादा खतरनाक होता है। ‘द ताज स्टोरी’ और ‘द बंगाल फाइल्स’ जैसी फिल्में खतरनाक नहीं थीं, क्योंकि वे खराब फिल्में थीं। लेकिन धुरंधर एक आकर्षक फिल्म है। समस्या यह है कि धुरंधर बार-बार यह दिखाती है कि यह वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है। ट्रेलर में भी ऐसा कहा गया है। इसमें 26/11 हमलों की असली फुटेज दिखाई गई है। आतंकवादियों और उनके हैंडलर्स के बीच हुई असली ऑडियो रिकॉर्डिंग्स का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही, पाकिस्तान के लियारी इलाके के असली गैंगस्टर्स और पुलिस अधिकारियों पर आधारित किरदार भी दिखाए गए हैं।