तीनों कृषि कानून रद्द होने के बाद दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे किसानों ने वापस लौटना शुरू कर दिया था। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि 15 दिसंबर तक वह गाजीपुर बॉर्डर खाली कर देंगे। दूसरी तरफ, सिंघु बॉर्डर से भी किसानों की घर वापसी जारी थी। इस बीच कयास लगाए जा रहे थे कि राकेश टिकैत साल 2022 में होने जा रहे यूपी विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि उनसे जब भी इस बारे में पूछा गया तो वह इससे मना ही करते नज़र आए।
इस बीच राकेश टिकैत का एक और इंटरव्यू वायरल हो रहा है। इसमें उनसे सवाल पूछा गया था, ‘टीवी, अखबार में खबर चलाई जा रही है कि राकेश टिकैत अब चुनाव लड़ेंगे।’ इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘चुनाव लड़ना कोई अपराध है क्या देश में? या राकेश टिकैत पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है कि ये चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। हम लोग कह चुके हैं कि हम चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन मुझे समझ में नहीं आता है कि हर बार मुझसे यही सवाल क्यों पूछा जाता है।’
इसके बाद उनसे अगला सवाल पूछा जाता है, ‘आप बोल दीजिए कि चुनाव लड़ लेंगे, इसमें क्या दिक्कत हो रही है।’ वह जवाब देते हैं, ‘मुझे एक बात समझ में नहीं आती। मुझसे हर इंटरव्यू में चुनाव से संबंधित सवाल ही पूछा जाता है। ये लोग पता नहीं मेरे चुनाव लड़ने से इतना परेशान क्यों हो जाते हैं। मैं कई बार पहले भी साफ कर चुका हूं कि चुनाव से हमारा कुछ लेना-देना नहीं है। लेकिन जब हर बार एक ही सवाल पूछा जाएगा तो किसी को भी गुस्सा आ जाएगा। अगर हम लड़ते भी हैं तो कोई ये कानून अपराध की श्रेणी में तो आता नहीं है।’
राकेश टिकैत से इससे पहले ‘न्यूज़18′ के साथ बात करते हुए कहा था कि वह आंदोलन खत्म होने के बाद अपने गांव सिसौली जाएंगे। यहां वह कुछ समय रुकेंगे और इसके बाद आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के किसानों से मुलाकात करेंगे। यहां वह किसानों की आवाज उठाने के लिए जाएंगे। उन्होंने कहा था, हमें जब भी कोई किसान बुलाता है तो हम लोग जाते हैं। अगर कुछ लोगों को लगता है कि हम चुनाव वाले राज्यों का ही दौरा करते हैं तो पहले वो लोग ये बता दें कि इन जगहों पर कौन से चुनाव होने जा रहे हैं।’
