तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद भी किसान संगठन दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं। गुरुवार को 12 बजे किसान संगठनों की बैठक होगी, जिसमें आंदोलन को लेकर अहम फैसला लिया जा सकता है। इसी बैठक में आंदोलन खत्म करने को लेकर भी फैसला किया जाएगा। फिलहाल भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत एमएसपी गारंटी कानून तक आंदोलन जारी रखने की बात कर रहे हैं।
तमाम अटकलों के बीच राकेश टिकैत का एक इंटरव्यू वायरल हो रहा है। इस इंटरव्यू में उनसे चुनाव लड़ने से लेकर सवाल पूछा गया था। ‘न्यूज़18’ के साथ इंटरव्यू में उनसे सवाल पूछा गया था, ‘आपके मुताबिक इस बार चुनाव कहां जा रहा है? क्या इस बार आप भी चुनाव लड़ने का सोच रहे हो?’ इसके जवाब में किसान नेता ने कहा था, ‘हम लोग किसी कीमत पर चुनाव लड़ने नहीं जा रहे हैं। क्योंकि हमें लगता है कि चुनाव एक बीमारी है। अब इसके बाद चुनाव कौन जीतेगा, हम कोई बात नहीं करना चाहते हैं।’
इसके बाद राकेश टिकैत से अगला सवाल पूछा गया था, ‘मतलब ऐसा मान लिया जाए कि एक बार चुनाव लड़कर ही हाथ जल गए, दोबारा उसमें हाथ नहीं डालोगे?’ उन्होंने इसका जवाब दिया था, ‘हां। हमारा एक बार में ही हाथ जल गए। हम दोबारा कोई चुनाव लड़ने का सोच भी नहीं रहे हैं। ये अभी साफ कर दूं कि मुझे कोई चुनाव नहीं लड़ना, अब बार-बार एक ही सवाल पूछने के बाद भी मेरी तरफ से यही जवाब मिलेगा। कोरोना की तरह कृषि कानून भी बीमारी थी, अभी एक ही बीमारी खत्म हुई है।’
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों के खिलाफ दर्ज हुए केस को वापस लेने के लिए भी सरकार तैयार हो गई है। गुरुवार को होने वाली बैठक में इस पर भी चर्चा की जाएगी। अगर सभी चीजों पर सहमति बनती है तो आंदोलन खत्म भी किया जा सकता है। भारतीय किसान यूनियन की तरफ से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सरकार की तरफ से संशोधित मसौदा प्रस्ताव मिलने की पुष्टि की गई थी। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, सरकार के दिए प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा में आम सहमति बन गई है।