अयोध्या की बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में विशेष सीबीआई अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। इस फैसले के बाद से सोशल मीडिया पर ढेरों रिएक्शन सामने आ रहे हैं। ऐसे में बॉलीवुड एक्टर मुहम्मद जीशान अयूब (Mohd Zeeshan Ayyub) ने भी इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। एक्टर ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा है कि जिस मुद्दे को 18 साल तक हथियार बनाया उसमें सभी उस तक में बरी हो गए?

जीशान ने अपने ट्वीट कर कहा- ’18 साल तक जिस मुद्दे को हथियार बनाया, vote बटोरे और देश को तोड़ा गया, जिस हिंसा को इन सबने छाती ठोक के देश में फैलाया…..उस तक से बरी हो गए!!!?? वाह रे मेरे देश!!!’ जीशान के इस ट्वीट पर ढेरों रिएक्शन सामने आने लगे। फैसले पर फिल्म मेकर अभिनव सिन्हा का ट्वीट भी सामने आया जिसमें उन्होंने बीजेपी सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी को बधाई दी। उन्होंने लिखा- ‘श्री लाल कृष्ण आडवाणी को बधाई, अब आप इस देश की आत्मा पर एक खूनी रेखा खींचने के आरोप से बरी हो गए हैं। भगवान आपको बहुत लंबी उम्र दे।’

जीशान के पोस्ट पर एक यूजर ने कहा-सारे आरोपी बरी हो गए तो बाबरी मस्जिद को तोड़ा किसने? उन 1800 लोगों को किसने मारा? भारत की आत्मा पर किसने प्रहार किया था उस दिन? हिमांशू गोला नाम के एक यूजर ने लिखा- ‘अब तो ये हाई कोट जाएगा। फिर सुप्रीम कोर्ट। और तब तक जिसको जहां जाना है वो वहां जा चुका होगा। बाकी तो आपको पता ही है।’

करण नाम के शख्स ने लिखा- भाई ये नया हिंदुस्तान है, इंसाफ और अदालत तो भूल ही जाओ। कल जैसे हाथरस में हुआ दुआ करो बस हमारे साथ ऐसा न हो।’ नसीम नाम के व्यक्ति ने लिखा- ‘हवा से गिर गई थी मस्ज़िद, बाकी भीड़ तो जेसीबी की खुदाई देखने गई हुई थी।’ मुस्तफा कमाल ने लिखा- ‘भारत में न्यायपालिका और पुलिस व्यवस्था दुर्भाग्यपूर्ण रूप से अपनी विश्वसनीयता खोती जा रही है।’ शबन आलम खान नाम के यूजर ने लिखा- ‘मासूम हैं वो जो अब भी सोचते हैं कि दिल्ली कि उस इमारत से न्याय मिलता है ।’

बता दें, कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि आरोपियों के खिलाफ ढांचा गिराने के पर्याप्त सबूत नहीं है। यही नहीं कोर्ट ने ये भी कहा कि बाबरी ढांचे को अराजक तत्वों ने गिराया था और इसमें विश्व हिंदू परिषद का हाथ नहीं है। कोर्ट ने फैसले में कहा कि पेश किए गए साक्ष्‍यों के आधार पर बाबरी विध्‍वंस में बीजेपी, आरएसएस, विहिप नेताओं की सहभागिता और विध्‍वंस के पूर्वनियोजित होने की बात साबित नहीं की जा सकती। यह काम असामाजिक तत्‍वों ने किया।