90 के दशक के बेहतरीन एक्टर अनिल कपूर (Anil Kapoor) आज सफलता के अच्छे मुकाम पर हैं। उनके पास दौलत और शोहरत दोनों ही बेशुमार है। इंडस्ट्री के सफल एक्टर्स की लिस्ट में उनका नाम टॉप पर आता है और आज भी वो स्क्रीन पर एक्टिंग का लोहा मनवाते हैं। वो जब भी स्क्रीन पर आते हैं तो अलग ही छाप छोड़ जाते हैं। आज भले ही अनिल कपूर सफल एक्टर के तौर पर जाने जाते हैं लेकिन, उनके लिए यहां तक आना आसान नहीं था। पहली बात कि उनके पिता नहीं चाहते थे कि वो एक्टिंग में आएं फिर दूसरी सबसे बड़ी बात घर की आर्थिक स्थिति कुछ ठीक नहीं थी। इसकी वजह से काफी मशक्कत उठानी पड़ी। ऐसे में चलिए आपको उनकी स्ट्रगल लाइफ के बारे में बताते हैं।
दरअसल, अनिल कपूर आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। वो 68 साल के हो गए हैं। आज भले ही उनकी इंडस्ट्री में अलग पहचान है और हर कोई उनकी फिटनेस की तारीफ करता है। लेकिन, एक समय ऐसा भी था जब उनके पास रहने के लिए घर नहीं था और वो अपने परिवार के साथ गैराज में रहते थे। इतना ही नहीं, वो छोटे से छोटा रोल पाने के लिए डायरेक्टर्स के घर के बाहर घंटों खड़े रहते थे या फिर उनके आगे-पीछे दौड़ते रहते थे। वो बचपन से ही एक्टिंग में आना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने एक्टिंग का एग्जाम भी दिया था, जिसमें फेल हो गए थे और बुरी तरह से टूट गए थे।
जब स्पॉटबॉय का काम करने लगे थे अनिल कपूर
अनिल कपूर ने अपनी लाइफ में काफी स्ट्रगल देखे हैं। उन्हें जब पिता की बीमारी के बारे में पता चला तो उन्होंने स्पॉटबॉय के तौर पर काम करना शुरू कर दिया था। एक्टर ने जब अपनी पढ़ाई पूरी कर ली थी तो उन्हें पता चला कि उनके पिता सुरिंदर कपूर को दिल की बीमारी है। वहीं, घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी तो उन्होंने अपनी आजीविका के लिए काम ढूंढना शुरू कर दिया था। उस वक्त वो करीब 17-18 साल के थे।
एक्टिंग स्कूल में नहीं मिला एडमिशन तो खूब रोए थे अनिल कपूर
वहीं, अनिल कपूर एक्टिंग के दीवाने बचपन से ही रहे हैं। उन्होंने एक्टिंग में जाने के लिए एक्टिंग स्कूल में दाखिला लेने के बारे में सोचा। वो एडमिशन लेने के लिए गए लेकिन दाखिला मिला नहीं। इससे वो बुरी तरह से टूट गए थे और बुरी तरह से रोए थे। अनिल कपूर ने अपनी पढ़ाई लिखाई मुंबई से की थी और कभी स्कूल में फेल नहीं हुए थे। लेकिन, जब उन्होंने पुणे में फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) का एंट्रेंस दिया तो वो इसमें फेल हो गए। ऐसे में उनके लिए यहां पर फेल हो जाना किसी सदमे से कम नहीं था। वह दिन-रात रोते रहते थे। एक्टिंग स्कूल में दाखिला लेने के लिए एक्टर ने उस समय एफटीआईआई के डायरेक्टर मशहूर लेखक और एक्टर गिरीश कर्नाड से खूब झगड़ा भी किया था और उनसे हाथ जोड़कर गुजारिश भी की थी। लेकिन, एडमिशन नहीं मिल पाया था।
कभी ब्लैक में बेचे थे टिकट
अनिल कपूर एक बार ‘कॉमेडी नाइट्स विद कपिल’ शो में पहुंचे थे। इस दौरान एक्टर ने अपनी स्ट्रगल लाइफ को लेकर बात की थी। उन्होंने बताया था कि उन्होंने ब्लैक में टिकट तक बेचे हैं। एक्टर ने खुलासा किया था कि वो फिल्मों में टपोरी का किरदार इतने बेहतरीन तरीके से कैसे निभा लेते हैं। अनिल कपूर ने उस समय कहा था कि बचपन में वो और उनके दोस्त टपोरियों के जैसे ही व्यवहार करते थे और यहां तक कि फिल्म के टिकट भी ब्लैक में बेचते थे।
फिर तमाम संघर्षों के बाद अनिल कपूर की जिंदगी में भी वो समय आ गया जब वो पहली बार बड़े पर्दे पर नजर आए। उन्होंने साल 1980 में बतौर लीड एक्टर तेलुगु फिल्म से करियर की शुरुआत की थी। उनकी पहली फिल्म ‘वामसा वृक्षम’ थी। हालांकि, इससे पहले एक्टर ने 15 साल की उम्र में हिंदी फिल्म ‘तू पायल मैं गीत’ से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट करियर की शुरुआत कर ली थी। इसमें उन्होंने शशि कपूर के बचपन का रोल प्ले किया था। लेकिन, किसी वजह से ये फिल्म रिलीज नहीं हो पाई। अनिल कपूर ने बॉलीवुड में कदम रखने से पहले कास्टिंग डायरेक्टर का भी काम किया। उन्होंने ‘हम पांच’ के लिए कास्टिंग की थी। यहीं से उनका समय बदलता गया और आज वो एक सफल अभिनेता के तौर पर जाने जाते हैं।
अनिल कपूर के बर्थडे के मौके पर आपने उनके संघर्ष से जुड़ी खबर तो पढ़ ली। इसके साथ ही आप उनकी और सुनीत की शादी से जुड़ी स्टोरी भी पढ़ सकते हैं, जब सुनीता ने एक्टर के सामने शादी से पहले शर्त रख दी थी।