इंटरनेशनल कोलकाता फिल्म फेस्टिवल (Kolkata International Film Festival) के 28वें संस्करण के उद्घाटन के मौके पर तमाम फिल्मी सितारों ने शिरकत की। जिसमें अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan), शाहरुख खान (Shahrukh khan), रानी मुखर्जी, कुमार सानू, जया बच्चन, शत्रुघ्न सिन्हा, अरिजीत सिंह और सौरव गांगुली शामिल हुए।

इस दौरान ममता बनर्जी सितारों का जोरदार स्वागत करती नजर आईं। कोलकाता फिल्म फेस्टिवल में अमिताभ बच्चन ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के बारे में अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री ने हमेशा साहस का परिचय दिया है। इसी के साथ अमिताभ ने नागरिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर अपनी बात रखी।

अभिव्यक्ति की आजादी पर उठाए जा रहे सवाल

दिग्गज फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन ने कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में दीप प्रज्वलित करके इस फिल्म महोत्सव की शुरुआत की ।अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने अभिव्यक्ति की।आजादी को लेकर कहा कि ‘अब भी नागरिकों की स्वतंत्रता पर सवाल उठाए जाते हैं। मुझे यकीन है कि मंच पर मेरे सहयोगी इस बात से सहमत होंगे कि अब भी नागरिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी पर सवाल उठाए जा रहे हैं। 1952 का सिनेमैटोग्राफ एक्ट सेंसरशिप को डिफाइन करता है, जिसके आधार पर फिल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड काम करता है लेकिन आज नागरिक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रश्नचिन्ह लगाए जा रहे हैं। मेरे साथ मंच पर बैठे हुए लोग भी सहमत होंगे।’

ममता बनर्जी ने की भारत रत्न की मांग

फेस्टिवल के दौरान ममता बनर्जी ने अपनी स्पीच में कहा कि ‘मेरी नजर में अमिताभ बच्चन भारत रत्न हैं। हम चाहते हैं कि उन्हें भारत रत्न से नवाजा भी जाए। वो पूरे देश के लिए सम्मानजनक हैं। शाहरुख मेरे भाई है। मैं हमेशा से उन्हें अपना भाई ही मानती आई हूं। मैं उन्हें राखी बांधुंगी। मुझे लगता है बंगाल से जो भी जाता वो फेमस ही होता है। जया बच्चन ने उत्तर प्रदेश इलेक्शन के वक्त मेरा बहुत साथ दिया। वो इतनी बड़ी स्टार हैं, लेकिन कभी बंगाल की मिट्टी को नहीं भूलीं। कद से कद मिलाकर चलती हैं हमेशा।’

अमित मालवीय ने कही यह बात

वहीं अमिताभ बच्चन के बयान के बाद बीजेपी आईटी सेल के हेड और पश्चिम बंगाल के सहप्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि ‘अमिताभ बच्चन के शब्द इससे ज्यादा भविष्यसूचक नहीं हो सकते थे क्योंकि वे कोलकाता में ममता बनर्जी के मंच पर बोले गए। यह उस अत्याचारी को आईना पकड़ने जैसा है, जिसकी निगरानी में भारत ने चुनाव के बाद की सबसे खूनी हिंसा देखी। ममता बनर्जी ने बंगाल की छवि खराब की है।’