उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर एक बयान दिया है जिसके बाद वो विवादों में घिर गए हैं। रविवार को हरदोई में एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी और मोहम्मद अली जिन्ना ने एक ही संस्थान से पढ़ाई की, बैरिस्टर बने और आज़ादी दिलाई। उनके इस बयान को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तालिबानी मानसकिता करार दिया है।

इसी मुद्दे पर टाइम्स नाउ नवभारत के एक डिबेट शो में एंकर सुशांत सिन्हा ने समाजवादी पार्टी प्रवक्ता अनुराग भदौरिया से सवाल किया। उन्होंने पूछा, ‘मोहम्मद अली जिन्ना ने ऐसा क्या किया, अखिलेश यादव की नज़र में आज़ादी के लिए कि उनकी तुलना गांधी, नेहरू और पटेल से की जा सकती है?’

जवाब में अनुराग भदौरिया ने कहा, ‘बड़ी अजीब बात है भारतीय जनता पार्टी, कहा कुछ जाता है, लेकर कुछ उड़ते हैं। उन्होंने कहा कि ये एक ही यूनिवर्सिटी से पढ़े, इसमें गलत क्या है? उसके बाद सरदार पटेल की तारीफ करनी शुरू कर दी। अब ये कह रहे हैं कि जिन्ना की तारीफ कर दी। मैं ये पूछना चाहता हूं भारतीय जनता पार्टी जनता को मुर्ख समझती है क्या?’

उन्होंने आगे कहा, ‘वो मुद्दों से भटकाने में लगे हैं ताकि बात न हो पाए डीजल पेट्रोल की, महंगाई की, महिलाओं पर अत्याचार की, किसान आत्महत्या कर रहे हैं उनकी बात न हो पाए, उन्हें रौंदा गया है, रौंदने वालों पर कोई कार्रवाई न हो पाए। अब जनता का ध्यान भटकाने के लिए कह रहे हैं जिन्ना की तारीफ कर दी।’ पूरा बयान चलाइए और सुनिए उन्होंने क्या कहा।’

अखिलेश यादव के बयान पर योगी आदित्यनाथ ने तल्ख़ टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, ‘समाजवादी पार्टी प्रमुख ने रविवार को जिन्ना की तुलना सरदार वल्लभ भाई पटेल से की। यह शर्मनाक है। यह तालिबानी मानसिकता है जो बंटवारे में भरोसा रखती है। सरदार पटेल ने देश को एकजुट किया। अब पीएम (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के नेतृत्व में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ को हासिल करने का काम चल रहा है।’