डी के शिवकुमार या सिद्धारमैया, कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इस पर सस्पेंस अभी भी बरकरार है। हालांकि, कांग्रेस ने मगंलवार शाम तक इसे लेकर फैसले के ऐलान की घोषणा की थी, लेकिन पार्टी फिलहाल किसी निर्णायक मोड पर पहुंचती नजर नहीं आ रही है। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कर्नाटक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डी के शिवकुमार दिल्ली में डटे हैं। एक तरफ सिद्धारमैया का दावा है कि उनके पास ज्यादातर विधायकों का समर्थन है तो वहीं, शिवकुमार का कहना है कि उनकी कड़ी मेहनत से पार्टी 135 सीटें जीतीं और उन्होंने पार्टी हाईकमान से जो वादा किया था वो पूरा किया है। इस बीच सूत्रों के हवाले से ऐसी भी जानकारी है कि पार्टी हाईकमान भी इस बात को मानती है कि शिवकुमार ने चुनाव के लिए जान लगा दी है।
दोनों दिग्गजों से खड़गे ने की अलग-अलग बैठकें
13 मई को नतीजे आने के अगले दिन से ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की मैराथन बैठकें चल रही हैं। कल दोपहर में राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल, एआईसीसी के कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला से लंबी चर्चा के बाद खड़गे ने मुख्यमंत्री पद के दोनों दावेदारों से अलग-अलग बात की। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी का मानना है कि हाई कमान को सिद्धारमैया को समर्थन कर रहे विधायकों से अलग हटकर भी सोचना चाहिए।
राहुल गांधी से लंबी चर्चा के अलावा, तीन पर्यवेक्षकों द्वारा विधायकों से बात करके तैयार की गई रिपोर्ट पर भी खड़गे ने सुरजेवाला और वेणुगोपाल से बात की। अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में पार्टी नेतृत्व दोनों नेताओं में से किसी को नाराज नहीं कर सकता और सभी को खुश करने का फॉर्मूला खोजने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। डी के शिवकुमार दोपहर दिल्ली पहुंचे और शाम को खड़गे से 40 मिनट मुलाकात की। सूत्रों की मानें तो शिवकुमार ने पिछले तीन सालों में अपनी कड़ी मेहनत का हवाला देते हुए खड़गे को साफ कर दिया है कि वह मुख्यमंत्री से कम पद स्वीकार नहीं करेंगे। शिवकुमार को साल 2020 में कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख नियुक्त किया गया था। उन्होंने एक और तर्क यह भी दिया कि पार्टी पहले सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनने का मौका दे चुकी है, तो इस बार उसे एक नई लीडरशिप के बारे में सोचना चाहिए और उसे मौका दे।
फिलहाल सीएम पद पर किसी का नाम फाइनल नहीं
शिवकुमार के एक करीबी सूत्र ने बताया कि मुख्यमंत्री के लिए सिद्धारमैया का नाम पार्टी ने अभी तक फाइनल नहीं किया है, जो दर्शाता है कि अभी कुछ भी हो सकता है। पार्टी सूत्र ने यह भी बताया कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और एआईसीसी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शिवकुमार पर विश्वास जताते हुए इसके संकेत दिए हैं कि शिवकुमार को उनका समर्थन है। इसके अलावा,राहुल गांधी ने वेणुगोपाल के साथ अलग मीटिंग की। सूत्रों ने बताया कि कर्नाटक चुनाव के रणनीतिकारों में से एक सुनील कानुगोलू भी इस मीटिंग में शामिल थे। हालांकि, इतनी बैठकों के बाद भी पार्टी दोनों नेताओं को मनाकर किसी निर्णायक मोड पर नहीं पहुंच सकी है और सूत्रों का ऐसा कहना है कि अभी इस दिशा में पार्टी और बैठकें भी कर सकती है।