सर्वेश कुमार
राष्ट्रीय राजधानी की पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प नजर आ रहा है। पूर्व सांसद व आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी महाबल मिश्रा इस सीट पर चौथी बार चुनावी रण में उतरे हैं। उनका मुकाबला भाजपा की उम्मीदवार कमलजीत सहरावत से है, जो पार्टी की प्रदेश इकाई और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में कई अहम पदों पर रह चुकी हैं। इस सीट पर करीब 35 फीसद पूर्वांचली मतदाता हैं, जिन्हें साधने में दोनों प्रत्याशी जुटे हैं। विकास के मुद्दे और जातीय समीकरण को साधे बगैर किसी भी प्रत्याशी के लिए यहां जीत की राह आसान नहीं होगी।
दिल्ली में इंडिया गठबंधन की सीट साझेदारी के तहत कांग्रेस से वर्ष 2009 में पश्चिमी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए महाबल मिश्रा को आप ने प्रत्याशी के तौर पर चुनावी समर में उतारा है। कांग्रेस के साथ उन्हें पूर्वांचली नेता होने की वजह से एक बड़े वर्ग का समर्थन हैं। इसके साथ ही वह भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा प्रत्याशी को घेरने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।
वहीं, इस सीट से भाजपा की प्रत्याशी कमलजीत सहरावत वर्ष 2008 में मटियाला विधानसभा क्षेत्र से विधायक के चुनाव में अपनी किस्मत आजमा चुकी हैं। उन्हें प्रवेश वर्मा की जगह प्रत्याशी बनाया गया है। यह उनके लिए पहला संसदीय चुनाव है और वह सभी संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में जोर-शोर से प्रचार में जुटी हैं।
पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की सभी 10 विधानसभा सीट पर वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की थी। इनमें नजफगढ़, मटियाला, उत्तम नगर, द्वारका, राजौरी गार्डन, हरि नगर, मादीपुर, जनकपुरी, तिलक नगर और विकासपुरी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा के प्रवेश वर्मा ने कांग्रेस के महाबल मिश्रा को पांच लाख से अधिक मतों से हराया था।
राजनीतिक विशेषज्ञ राबिन शर्मा के मुताबिक क्षेत्र में सर्वाधिक करीब 35 फीसद मतदाता पूर्वांचली हैं। प्रत्याशियों की जीत-हार में उनकी अहम भूमिका रहेगी। आप के प्रत्याशी का नारा है ‘काम किया है, काम करेंगे, जन-जन का सम्मान करेंगे’। उनका कहना है कि पश्चिमी दिल्ली में मेट्रो का विस्तार सहित क्षेत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय के एक नए परिसर के निर्माण के लिए कदम बढ़ाएंगे। भाजपा प्रत्याशी कमलजीत सहरावत भी द्वारका एकसप्रेस-वे की तर्ज पर बेहतर संपर्क और दिल्ली विकास प्राधिकरण व ग्राम सभा की जमीन पर खेल सुविधाएं व सामुदायिक हाल विकसित करने के वादे के साथ चुनाव मैदान में उतरी हैं।
25 लाख से अधिक मतदाताओं में पूर्वांचल के सर्वाधिक
पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में कुल 25.66 लाख मतदाता हैं। इनमें 12.06 लाख महिलाएं, 13.60 लाख पुरुष और 125 ट्रांसजेंडर हैं। खास बात यह है कि इस क्षेत्र में शहरी आबादी के साथ-साथ हरियाणा की सीमा से लगते ग्रामीण क्षेत्र और बस्तियों में रहने वाली आबादी भी शामिल है। इस क्षेत्र में सर्वाधिक नौ लाख से अधिक पूर्वांचली मतदाता हैँ, जबकि जाट मतदाताओं की संख्या डेढ़ लाख से अधिक है। इसके अलावा यहां पंजाबी, ब्राह्मण, वैश्य और मुसलिम के मतदाता भी हैं।