पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव करीब आ रहे हैं और अब राजनैतिक माहौल भी गरम हो रहा है। पश्चिम बंगाल में रणनीति तय करने के लिए आज बीजेपी की बैठक है साथ ही लेफ्ट-कांग्रेस भी मीटिंग कर रहे हैं। सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर रास्ता तय करने वाले हैं। उनकी भूमिका से पार्टी में असंतोष बढ़ रहा है। पार्टी के कुछ विधायकों को प्रशांत किशोर से ऐतराज भी है। उनकी आवाज तब और बुलंद हो गई जब किशोर नाराज तृणमूल नेता सुवेंदु अधिकारी से मिलने से नाकाम रहे।
रिपोर्ट के मुताबिक तृणमूल का आखिर में सुवेंदु अधिकारी से संपर्क हो गया है। पार्टी के एक सांसद ने बताया कि मंत्रियों के साथ एक गुप्त बैठक हुई है। हो सकता है कि आज भी एक हाई लेवल मीटिंग हो। उधर बीजेपी पश्चिम बंगाल में अपना पूरा जोर लगा देना चाहती है। दिल्ली से यहां शीर्ष नेता पहुंचे हैं औऱ राज्य को पांच भागों में बांटकर नीति बनाई जा रही है। सभी जोन के लिए एक केंद्रीय नेता चुना गया है।
मेदिनीपुर जोन के इनचार्ज और लेफ्ट के हाथ से त्रिपुरा को छीनने में मदद करने वाले सुनीव देवधर ने कहा, ‘मुझे विश्वास है कि बंगाल में दो तिहाई बहुमत से जीत होगी।’ रढ़बंगा जोन बिनोद सोनकर को दिया गया है। उत्तर बंग के इनचार्ज हरीश द्विवेदी हैं, दुष्यंत गौतम के हाथ में कोलकाता जोन की जिम्मेदारी दी गई है और बिनोद तावड़े नबाद्विप की कमान संभालेंगे। 18,19 और 20 नवंबर को सभी जोन के इनचार्ज बैठक करेंगे और रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेंजेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक अमित शाह 30 नवंबर को कोलकाता पहुंच सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो यह महीने के भीतर ही उनका दूसरा दौरा होगा।
बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कहा, ‘बंगाल ने मन बना लिया है कि ममता बनर्जी को बाहर का रास्ता दिखाना है और बीजेपी को 200 सीट्स देनी हैं।’ दिलीप घोष को पश्चिम बंगाल में बीजेपी चीफ बनाए जाने के सवाल पर मालवीय ने कहा, ‘कम से कम हम भाड़े के लोगों से काम नहीं कराते। हमारे पार्टी कार्यकर्ता पश्चिम बंगाल में कार्य करने पहुंच रहे हैं।’ तृणमूल के सांसद सौगाता रॉय ने कहा, ‘अमित शाह का टारगेट केवल दिवःस्वप्न है। जो वह कहते हैं उनकी पार्टी के लोग भी रटने लग जाते हैं। उन्हें गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है।’ पार्टी में प्रशांत किशोर के बढ़ते विरोध पर भी उन्होंने चिंता नहीं जताई।
तृणमूल विधायक नियामत शेख ने कहा, ‘क्या अब हम पीके से राजनीति सीखेंगे? कौन है यह पीके? अगर तृणमूल का नुकसान हुआ तो यह पीके की गलती होगी।’ कूच बेहार के विधायक मिहिर गोस्वामी भी अपना असंतोष जाहिर कर चुके हैं और डेढ़ महीने पहले पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘पार्टी को एक ठेकेदार के हाथ में दे दिया गया है। एक कॉर्पोरेट कंपनी IPAC अब पार्टी के लोगों को निर्देश देगी। उसकी बात मानना मेरे लिए पीड़ादायक है।’

