पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि शनिवार (19 जनवरी) को कोलकाता में होने वाली रैली में न केवल विपक्षी एकता दिखाई देगी बल्कि उसकी आवाज से आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा के लिए “मौत की घंटी” भी बज जाएगी। उन्होंने कहा कि 2019 में क्षेत्रीय दल निर्णायक भूमिका में होंगे। रैली की मेजबानी करते हुए उन्होंने कोलकाता में कहा, “संघीय दल, यानी क्षेत्रीय दल, चुनावों के बाद निर्णायक फैक्टर होंगे।” बता दें कि इस रैली में देशभर के क्षेत्रीय दलों के नेताओं के जुटने का अनुमान है। सूत्रों के मुताबिक, जिन लोगों ने अंतिम दौर में रैली में शामिल होने के लिए अपनी सहमति दी है, उनमें भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी और यशवंत सिन्हा भी शामिल हैं। ये सभी लोग पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह की अगुवाई वाली भाजपा की आलोचना करते रहे हैं।
मीडिया से बातचीत में ममता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा 125 का आंकड़ा नहीं पार कर पाएगी। उन्होंने कहा कि इसी रैली में उन्हें (भाजपा) मौत की घंटी बजती हुई सुनाई देने लगेगी। ममता ने कहा कि लगभग सभी राज्यों में क्षेत्रीय दल उनसे ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करेंगी। रैली में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला भी शामिल होंगे। मायावती ने अपनी तरफ से पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा का रैली में शामिल होने के लिए नामित किया है।
पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, उनके सीएम बेटे एचडी कुमारास्वामी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन, रालोद अध्यक्ष अजित चौधरी, एनसीपी चीफ शरद पवार, राजद से लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव के अलावा कांग्रेस से लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी इस रैली में शामिल होंगे। ममता बनर्जी ने केरल के सीएम और सीपीआई (एम) नेता पी विजयन को भी न्योता भेजा था लेकिन अभी तक उनकी तरफ से रैली में आने की सहमति नहीं दी गई है।