Lok Sabha Election 2024: पश्चिम बंगाल में महिला वोट बैंक यानी आधी आबादी का वोट बैंक टीएमसी और बीजेपी दोनों के लिए ही अहम साबित होता रहा है। टीएमसी ने इस वोट बैंक के दम पर ही 2021 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बुरी तरह हराया था, हालांकि बीजेपी की सीटें भी अप्रत्याशित रूप से बढ़ी थीं। ठीक इसी तरह लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को 283 से 303 तक पहुंचाने में भी इसी बंगाल का अहम रोल रहा था, जहां बीजेपी ने बेहतरीन प्रदर्शन करक 18 सीटें जीत लीं थी। ऐसे में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले संदेशखाली विवाद जहां बीजेपी के लिए वोट बैंक के लिहाज से बेहद अहम होने वाला है, क्योंकि यहां पूरा खेल परसेप्शन का है।
संदेशखाली विवाद ने BJP को महिला वोट बैंक बूस्ट करने के लिहाज से एक अवसर प्रदान दे दिया है। पार्टी इसके जरिए 2024 के सियासी रण में सीएम ममता बनर्जी को घेर सकती है, जो कि टीएमसी के महिला कोटे के वोट बैंक को सबसे ज्यादा झटका देने वाला साबित हो सकता है क्योंकि पार्टी महिला आधारित योजनाओं से कई चुनावए एक तरफा तौर पर जीत चुकी है।
हाल ही में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय बंगाल दौरे पर ते, तो उन्होंने भी लोकल लीडरशिप की तरह ही नॉर्थ 24 परगना जिले के संदेशखली इलाके को लेकर टीएमसी को आड़े हाथों लिया। हालांकि टीएमसी ने संदेशखाली विवाद के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को पार्टी से निष्कासित कर दिया है और उसकी गिरफ्तारी भी हो चुकी है लेकिन फिर भी इस मुद्दे पर बैकफुट में टीएमसी और ममता बनर्जी ही हैं।
बैकफुट पर गई TMC
टीएमसी से शाहजहां शेख का नाम जुड़ने के चलते ही संदेशखली में टीएमसी के खिलाफ लोगों में गुस्सा भरा हुआ है। हालांकि टीएमसी का आरोप हैं कि बंगाल में बीजेपी और आरएसएस ने हाशिए पर रहने वाले आदिवासी समुदायर के लोगों को मुद्दा बनाकर राजनीति करने की कोशिश की है। पीएम मोदी ने अपनी रैली में न केवल टीएमसी बल्कि इंडिया गठबंधन के घटक दलों को भी निशाने पर लिया था।
खास बात यह है कि पश्चिम बंगाल के ही बारासात में एक बार फिर 7 मार्च को बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय बैठक को संबोधित करने वाले हैं, जहां केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं की महिला लाभार्थियों के अलावा संदेशखाली की कई महिलाओं के भी भाग लेने की उम्मीद है। इसके अलावा 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हैं तो इस अवसर पर भी वे कुछ अहम घोषणाएं कर सकते हैं।
BJP पर आक्रामक होती TMC
दूसरी ओर बीजेपी को संदेशखाली को लेकर जो बीजेपी आक्रामक थी, उसे भी एक झटका लगा, क्योंकि बीते शनिवार को बीजेपी ने अपने लोकसभा प्रत्याशियों की एक लिस्ट जारी की जिसमें एक नाम भोजपुरा गायक और एक्टर पवन सिंह का भी था। पवन सिंह ने अपने गानों में बंगाली महिलाओं को लेकर किए गए अश्लील शब्दों के प्रयोग पर टीएमसी बीजेपी पर आक्रामक हो गई।
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची को लेकर भाजपा पर कटाक्ष किया और सवाल उठाया कि 195 उम्मीदवारों में से 28 महिलाएं हीं थीं, जो कि महज 14 प्रतिशत है। ऐसे में महिलाओं के लिए आए 33% आरक्षण का क्या हुआ? महुआ ने सवाल उठाया कि आखिर नारी शक्ति और वंदन कहां है?
दिलचस्प हो गई बंगाल की सियासत
संदेशखाली विवाद का सामने आना और फिर बीजेपी टीएमसी का इस मुद्दे को लेकर एक-दूसरे पर कटाक्ष करना यह संकेत देता है कि महिला वोटर्स इस बार पश्चिम बंगाल में बेहद अहम साबित होने वाली हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता स्पष्टता से स्वीकार कर रहें है कि पश्चिम बंगाल में इस बार संदेशखाली एक बड़ा मुद्दा होने वाला है। वहीं टीएमसी कन्फ्यूज है क्योंकि पहले ही कई मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले हैं और अब महिलाओं के यौन उत्पीड़न से जुड़ा मामला उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है, यह बात वे भी दबे मुंह स्वीकार करने लगें हैं।
ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी के 370 सीटों के टारगेट के पश्चिम बंगाल उसकी सीटें 18 से बढ़ाकर कहां तक ले जाता है, या फिर सीएम ममता बनर्जी की लीडरशिप में टीएमसी बीजेपी के खिलाफ फाइटबैक करेगी या नहीं।