Vaishali Lok Sabha Election 2024 Date, Candidate Name: वैशाली बिहार का एक महत्वपूर्ण लोकसभा क्षेत्र है। मुजफ्फरपुर जिले के पांच और वैशाली जिले के एक विधानसभा क्षेत्र से मिलकर बना है। साल 1977 में अस्तित्व में आए वैशाली के पहले सांसद जनता पार्टी के दिग्विजय नारायण सिंह थे। बाद में यह आरजेडी का गढ़ बना गया। वैशाली में समाजवादी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने पांच बार यहां से जीत दर्ज की है। वर्तमान में यहां की सांसद एलजेपी की वीणा देवी हैं। बाद में एलजेपी दो धड़ों में बंट गया और वीणा देवी पशुपति पारस गुट की ‘राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी’ में चली गईं।
बिहार का वैशाली जिला ऐतिहासिक विरासत को समेटे हुए है। यह वर्धमान महावीर की जन्मभूमि है तो भगवान बुद्ध की कर्मभूमि। यह जैन मतावलंबियों का पवित्र स्थान है। जैन धर्म मानने वालों का प्रमुख स्थल कुण्डलपुर धाम यहीं वैशाली में है। दुनिया को लोकतंत्र वैशाली ने ही दिया है। कहा जाता है कि प्रथम गणतंत्र का उदय यहीं हुआ था। छठी शताब्दी ईसा पूर्व में लिच्छवी राजवंश ने गणतांत्रिक व्यवस्था की शुरुआत की थी। तब यहां जनता के चुने प्रतिनिधियों के द्वारा शासक चुने जाते थे। यहां के प्रसिद्ध स्थानों में सम्राट अशोक का स्तंभ, बौद्ध स्तूप, बावन पोखर मंदिर। वैशाली एतिहासिक महत्व के साथ फलों के उत्पादन का भी एक प्रमुख केंद्र है। केला, आम और लीची के लिए वैशाली की पहचान पूरे देश में है।
2019 में रघुवंश प्रसाद को फिर मिली हार
2019 में वीणा देवी ने आरजेडी के रघुवंश प्रसाद सिंह को 2,34,584 वोंटो से हराया था। वीणा देवी को जहां 568,215 वोट मिले थे, वहीं रघुवंश प्रसाद को 3,33,631 वोट। तीसरे स्थान पर निर्दलीय उम्मीदवार आभा राय थीं, जिन्हें महज 27,497 वोट ही मिले थे। इससे पहले 2014 में एलजेपी के राम किशोर सिंह उर्फ रामा सिंह ने 99,267 वोटों से रघुवंश प्रसाद सिंह को शिकस्त दी थी। राम किशोर सिंह को 3,05,450 वोट जबकि रघुवंश बाबू को 2,06,183 वोट मिले थे। तब बिहार में अकेले चुनाव लड़ रही जेडीयू के विजय कुमार सहनी तीसरे स्थान पर रहे थे और उन्हें 1,44,807 वोट मिले थे।
1977 में दिग्विजय नारायण बने पहले सांसद
वैशाली में सबसे पहले 1977 में चुनाव हुआ था। तब जनता पार्टी के दिग्विजय नारायण सिंह ने जीत दर्ज की थी। पहले कांग्रेसी रहे दिग्विजय नारायण सिंह आला दर्जे के ईमानदार नेता माने जाते थे। उन्होंने इमरजेंसी के खिलाफ इंदिरा गांधी को सीधी चुनौती दी थी। इसके बाद 1980 में जनता पार्टी से किशोरी सिन्हा ने जीत दर्ज की। 1984 में किशोरी सिन्हा कांग्रेस में शामिल हो गईं और फिर यहां से कांग्रेस की टिकट पर चुनी गईं। 1989 और 1991 में यहां जनता दल ने जीत दर्ज की। इसके बाद 1994 में समता पार्टी की टिकट पर आनंद मोहन सिंह की पत्नी लवली आनंद संसद पहुंची।
रघुवंश प्रसाद सिंह को जनता ने पांच बार दिया मौका
1996 में जनता दल की टिकट पर रघुवंश प्रसाद सिंह ने यहां पहली बार जीत दर्ज की। इसके बाद लालू यादव की आरजेडी की टिकट पर उन्होंने 1998, 1999, 2004 और 2009 में जीत हासिल की। रघुवंश प्रसाद यहां से लगातार पांच बार जीत दर्ज करने में कामयाब हुए। 2014 में मोदी लहर में बीजेपी की सहयोगी पार्टी एलजेपी के राम किशोर सिंह ने उन्हें हरा दिया।
वैशाली में कुल 1735983 मतदाता हैं
छह विधानसभा वैशाली, बरूराज, मीनापुर, कांटी, साहेबगंज और पारू विधानसभा से मिलकर बने वैशाली में कुल 1735983 मतदाता हैं। इनमें पुरुष वोटर जहां 932416 हैं। वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 1735983 है। वैशाली में बिहार के दूसरे लोकसभा क्षेत्र की तरह ही जातीय समीकरण से हार जीत तय होता है। रघुवंश प्रसाद सिंह के रहते यहां राजपूत-यादव समीकरण चलता था। 2014 मोदी लहर में यह समीकरण टूट गया। वैशाली में राजपूत और यादव वोटरों का दबदबा है। राजपूत अब बीजेपी के साथ हैं तो यादव पहले की तरह लालू यादव के पक्ष में। इसके साथ ही भूमिहार और मुस्लिम मतदाता भी यहां निर्णायक हैं।