कर्नाटक में विधानसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ उत्तर प्रदेश की भी दो सीटों पर उपचुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गयी है। चुनाव आयुक्त की बुधवार (29 मार्च) को घोषित किया कि रामपुर की स्वार टांडा विधानसभा सीट और मिर्जापुर की छानबे सीट पर 10 मई 2023 को वोट डाले जाएंगे, वहीं 13 मई को नतीजों का ऐलान किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय मिश्रा ने कहा कि रामपुर और मिर्जापुर जिलों की दो सीटों पर उपचुनाव के लिए अधिसूचना 13 अप्रैल को जारी की जाएगी और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 20 अप्रैल होगी। इसके बाद नामांकन पत्रों की जांच होगी। 24 अप्रैल तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 10 मई को मतदान होगा और 13 मई को मतगणना होगी।
अब्दुल्ला आजम को सजा के बाद खाली हुई स्वार सीट
सामाजवादी पार्टी के नेता आजम खां के बेटे और सपा विधायक अब्दुल्ला आजम को 15 साल पुराने एक मामले में दोषी ठहराए जाने और अपना दल (सोनेलाल) के विधायक राहुल कोल की मौत के बाद स्वार और छानबे सीटों पर उपचुनाव कराए जाएंगे। सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम स्वार टांडा से विधायक थे। 13 फरवरी को मुरादाबाद की अदालत ने उन्हें सरकारी कार्य में बाधा डालने और जाम लगाने के आरोप में दो साल की सजा सुनायी थी। 15 फरवरी को उनकी विधायकी रद्द करते हुए सीट रिक्त घोषित कर दी गई। अब यहां उपचुनाव होने जा रहा है। वहीं, छानबे विधानसभा से अपना दल (एस) के विधायक राहुल प्रकाश कोल का कैंसर से निधन हो गया था। उनके निधन के बाद से छानबे सीट खाली है।
राहुल कोल के निधन के बाद से रिक्त है छानबे सीट
छानबे में 2022 में अपना दल(एस) ने जीत दर्ज की थी। 2022 में छानबे (सुरक्षित) में कुल 47.29 प्रतिशत वोट पड़े थे। 2022 में अपना दल (एस) से राहुल प्रकाश कोल ने समाजवादी पार्टी के कीर्ति को 38113 वोटों के मार्जिन से हराया था।
हालांकि, उपचुनाव का वर्तमान भाजपा सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा जो 403 सदस्यीय यूपी विधानसभा में बहुमत में है। यह चुनाव विशेष रूप से सपा के लिए महत्व रखते हैं जो दूसरी योगी सरकार के गठन के एक साल बाद अपनी लोकप्रियता का परीक्षण करने के लिए उतरेगी। आजम खान को उनके गढ़ रामपुर में हराने के बाद बीजेपी की नजर स्वार सीट पर भी क्लीन स्वीप करने की होगी। भाजपा ने हाल ही में रामपुर सदर विधानसभा सीट पर चार दशक पुराने सपा नेता के कब्जे को ध्वस्त कर दिया था। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या उनके बेटे की सीट भी परिवार के हाथ से चली जाती है।
2022 विधानसभा चुनाव के परिणाम
2022 के विधानसभा चुनावों में, अब्दुल्ला आज़म ने भाजपा सहयोगी अपना दल (एस) के उम्मीदवार हैदर अली के बेटे काज़िम अली खान को 60,000 से अधिक मतों से हराया था। इससे पहले 2017 में अब्दुल्ला ने भाजपा की लक्ष्मी सैनी को 53,000 से अधिक मतों से हराकर यह सीट जीती थी। लेकिन दोनों ही मौकों पर उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। पहली बार उनके जन्म प्रमाण पत्र में गड़बड़ी के कारण और दूसरी बार 15 साल पुराने मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण। 2017 में रॉबर्ट्सगंज के पूर्व सांसद पकौरी लाल कोल के बेटे राहुल कोल ने छानबे आरक्षित सीट जीती थी।
उन्होंने 2022 में फिर से केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के उम्मीदवार के रूप में अपना दल (एस) का नेतृत्व किया, जो सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी है।