उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोनों ही पहली बार विधानसभा चुनाव में डेब्यू कर रहे हैं। अखिलेश यादव जहां मैनपुरी के करहल से चुनाव मैदान में हैं तो वहीं योगी आदित्यनाथ गोरखपुर सदर से चुनावी ताल ठोंक रहे हैं। गोरखपुर सदर में योगी आदित्यनाथ के सामने 12 उम्मीदवार हैं तो अखिलेश यादव की सीट पर सिर्फ तीन उम्मीदवार हैं।
योगी आदित्यनाथ पांच बार लोकसभा के सांसद चुने गए हैं और वे मौजूदा समय में उत्तरप्रदेश विधान परिषद के सदस्य हैं। योगी आदित्यनाथ का यह पहला विधानसभा चुनाव है। वहीं अखिलेश यादव भी चार बार के सांसद हैं और पूर्व में विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं। योगी आदित्यनाथ की तरह ही वे भी पहली बार उत्तरप्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। योगी आदित्यनाथ की सीट पर 3 मार्च को मतदान होना है तो वहीं अखिलेश यादव की सीट पर रविवार को वोटिंग हो रही है।
अखिलेश यादव मैनपुरी जिले के जिस करहल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, उसे सपा का गढ़ माना जाता है। इस चुनाव में अखिलेश के सामने भाजपा ने केंद्रीय मंत्री व आगरा से सांसद एसपी बघेल को उतारा है तो वहीं बसपा ने अनुसूचित जाति से आने वाले कुलदीप नारायण को टिकट दिया है। कांग्रेस ने कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारा है। करहल में लगभग 1.40 लाख यादव मतदाता हैं। इसके अलावा ओबीसी समुदाय के 60,000 , ब्राह्मण 25,000, ठाकुर 25,000 , दलित 40,000 और 15,000 मुस्लिम मतदाता हैं।
योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर सदर सीट पर 10 नामांकन खारिज होने के बाद भी 13 उम्मीदवार मैदान में हैं। सपा ने दिवंगत भाजपा नेता उपेंद्र दत्त शुक्ला की पत्नी सुभावती शुक्ला को और कांग्रेस ने चेतना पांडे को उम्मीदवार बनाया है। चेतना और सुभावती दोनों ब्राह्मण हैं, जिन्हें गोरखपुर क्षेत्र में कथित ब्राह्मण बनाम ठाकुर भावना को देखते हुए मैदान में उतारा गया है। योगी आदित्यनाथ एक ठाकुर हैं और उनकी सरकार पर विपक्ष ने कथित तौर पर ब्राह्मणों के प्रति पक्षपाती होने का आरोप भी लगाया है।
बसपा ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुस्लिम उम्मीदवार ख्वाजा शम्सुद्दीन को टिकट दिया है। भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर भी आजाद समाज पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। आप ने भी गोरखपुर सदर से अपना उम्मीदवार उतारा है। गोरखपुर सदर में मुस्लिम और दलित समुदायों के लगभग 50,000 मतदाता हैं, जबकि ब्राह्मण समुदाय के लगभग 18,000 वोटर हैं। वहीं ठाकुर, ओबीसी और वैश्य वोटर बड़ी संख्या में हैं।