एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर चुके हैं। इस ऐलान के बाद विपक्षी दल लगातार असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साध रहे हैं। इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी भी विपक्ष पर पलटवार करते रहे हैं। हालांकि, एक वक्त असदुद्दीन ओवैसी ने बसपा प्रमुख मायावती की तारीफ करते हुए कहा था कि उनकी राजनीति उनकी जाति के लिए है, वह उन्हें (मायावती) सलाम करते हैं। ओवैसी ने इस दौरान समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा था।
एबीपी के ‘शिखर सम्मेलन’ कार्यक्रम के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने सपा प्रमुख पर निशाना साधते हुए कहा था, ”अखिलेश यादव एम-वाय की बात करते हैं लेकिन सत्ता में आते ही केवल वाय (Y) की बात करने लगते हैं और हमको भूल जाते हैं। तो एम (M) क्या करेगा? भीख मांगेगा?” ओवैसी सपा के मुस्लिम-यादव समीकरण का जिक्र कर रहे थे।
एंकर ने ओवैसी से पूछा कि 100 सीटों पर आप चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं, अखिलेश यादव का कहना है कि उन पर आप भाजपा की मदद करेंगे। इस पर ओवैसी ने जवाब दिया, ”183 सीटों पर हिंदी बेल्ट में कांग्रेस-बीजेपी के बीच मुकाबला हुआ। कांग्रेस 15 सीटों पर जीती, फिर आप उनको भाजपा की बी टीम क्यों नहीं बोलते हैं।”
ओवैसी ने तंज कसते हुए कहा, ”183 सीटों पर लड़कर 15 पर कांग्रेस जीत रही है और आप कहते हैं कि हम भाजपा की मदद कर रहे हैं? तीन सीट लोकसभा चुनाव में लड़ा हूं, बाकी जगह कैसे मोदी जीत गए? क्या वहां पर मेरी रूह गई?”
असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान सपा-बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का उदाहरण दिया और कहा, ”अखिलेश-मायावती ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन क्या हासिल हुआ? 71 फीसदी मुस्लिमों ने इनको वोट किया था, यादव भाग गए भाजपा के साथ। मायावती की जाति के लोगों ने उनका साथ दिया, लेकिन दूसरे दलित समाज के लोगों ने भाजपा को वोट कर दिया।” ओवैसी ने कहा कि फिर क्यों मुस्लिम वोट बैंक की बात होती है, इस देश में कभी मुस्लिम वोट बैंक नहीं रहा है।