उत्तर प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है। ओबीसी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के मंत्रिमंडल से इस्तीफे के बाद उनके सपा में जाने के कयास तेज हो गए। अखिलेश यादव ने उनके साथ तस्वीर शेयर करके अनुमानों को और पुख्ता कर दिया। वहीं भाजपा ने इस मामले को गंभीरता से लिया है औऱ मंथन शुरू कर दिया है। मंगलवार को दिल्ली में बैठक बुलाई गई जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, यूपी भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह, गृहमंत्री अमित शाह और अन्य कई बड़े नेता मौजूद थे।
स्वामी प्रसाद मौर्य के पीछे तीन अन्य विधायकों ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने दावा किया है कि 15 और विधायक भी ऐसा कर सकते हैं। इसीलिए भाजपा के अंदर खलबली मच गई है।
इस बैठक में यूपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, को इनचार्ज अनुराग ठाकुर, राष्ट्रीय महासचिव संगठन बीएल संतोष भी मौजूद थे। जेपी नड्डा और यूपी प्रभारी राधामोहन सिंह बैठक में इसलिए नहीं पहुंचे क्योंकि उन्हें बुखार था।
भाजपा नेताओं ने कहा कि पार्टी को राज्य में फिर से काम करने की जरूरत है और ओबीसी समुदाय के राजनीतिक महत्व को लोगों के सामने रखने की जरूरत है। इससे पहले इन सीटों पर योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी ही मुख्य चेहरा रहे हैं।
मौर्या के इस्तीफे के बाद समाजवादी पार्टी अपना फायदा देख रही है। सपा को लगता है कि अब मुस्लिम और यादव वोट के अलावा भी ओबीसी समुदाय का वोट उसे मिल सकता है। हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्या ने अभी तक सपा जॉइन करने का कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया है। बता दें कि मौर्या ने 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा जॉइन की थी। इससे पहले वह मायावती के साथ बढ़ चढ़कर काम कर रहे थे। बताया जा रहा है कि बेटे उत्कृष्ट को टिकट न मिलने की वजह से वह भाजपा से नाराज हो गए।
