उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर चल रही सियासी सरगर्मी के बीच यूपी कांग्रेस में बड़ी उठापटक की खबर आ रह है। अनुशासनहीनता के मामले में बलरामपुर के कांग्रेस जिलाध्यक्ष समेत चार नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
कांग्रेस पार्टी ने जिन चार नेताओं को पार्टी से निकाला है उनमें बलरामपुर के कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अनुज सिंह, जिला उपाध्यक्ष अख्तर हुसैन, जिला महासचिव विनय मिश्रा और सेवा दल के अध्यक्ष दीपक मिश्रा शामिल हैं। इन चारों पर कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सत्यनारायण पटेल के साथ अभद्रता और मारपीट की कोशिश करने का आरोप है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, श्रावस्ती में 4 फरवरी को एक बैठक हुई थी। इस बैठक में चुनावी चर्चा के दौरान ही किसी बात पर गरमा-गरमी हो गई है और मामला इतना बढ़ गया कि राष्ट्रीय सचिव को सत्यनारायण पटेल के साथ अभद्रता की जाने लगी। हालांकि, जिन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है, वे इन आरोपों को बेबुनियाद बता रहे हैं।
इस पूरे प्रकरण पर अपनी बात रखते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष अनुज सिंह ने कहा, ‘मैं 30 वर्ष से पार्टी में हूं और मैंने अनुशासित सिपाही के तौर पर अपनी सेवा पार्टी को दी है। मुझ पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। बैठक में मारपीट नहीं हुई, हां अभद्रता जरूर की गई, जिसे रोकने का मैंने प्रयास किया। मैंने अपनी बात पार्टी के फोरम पर रख दी है और इस मामले पर सोनिया गांधी से भी बात करूंगा।’
सूत्रों के मुताबिक जो जानकारी मीडिया में सामने आई है, उसके मुताबिक, श्रावस्ती गेस्ट हाउस में टिकट बंटवारे को लेकर मीटिंग चल रही थी। टिकट बंटवारे पर विवाद के बीच जिलाध्यक्ष और अन्य तीन पदाधिकारियों ने अभद्रता की और मारपीट भी गई। खबर के मुताबिक, जिलाध्यक्ष अनुज सिंह बलरामपुर की तुलसीपुर विधानसभा सीट से टिकट मांग रहे थे, जबकि जिला उपाध्यक्ष अख़्तर हुसैन गैंसड़ी विधानसभा से। दूसरी ओर पार्टी के इंटरनल सर्वे में ये दोनों नेता जीतने की स्थिति में नजर नहीं आ रहे थे। यही कारण रहा कि कांग्रेस ने तुलसीपुर दीपांकर सिंह और गैंसड़ी से इस्तियाक अहमद को प्रत्याशी घोषित कर दिया। इसी मुद्दे को लेकर बैठक में हंगामा हो गया।
सत्यनारायण पटेल इंदौर से दो बार विधायक रह चुके हैं। उन्हें सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी का विश्वस्त माना जाता है। पटेल को 2021 में यूपी कांग्रेस का सह प्रभारी नियुक्त किया गया था। उन्हें यहां प्रियंका गांधी को सहयोग देने के लिए भेजा गया। पटेल 2009 में इंदौर संसदीय क्षेत्र से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के खिलाफ भी चुनाव लड़ चुके हैं। उस चुनाव में उन्हें 11 हजार 480 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।
सत्यनारायण पटेल पेशे से किसान हैं, लेकिन वह आसमान में उड़ान भरने का भी शौक रखते हैं। उनके पास पायलट का लाइसेंस है और वह हेलीकाप्टर भी रखते हैं।