उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहली बार उतर रहे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को कांग्रेस ने वॉक ओवर दे दिया है। कांग्रेस ने करहल सीट के लिए उम्मीदवार घोषित किया था लेकिन मंगलवार को पार्टी ने महिला उम्मीदवार ज्ञानवती यादव को नामांकन करने से रोक दिया। अखिलेश यादव के चाचा और प्रसपा-लोहिया के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) के खिलाफ जसवंत नगर से भी कांग्रेस ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है।
इस तरह से, अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव के सामने कांग्रेस किसी तरह की चुनौती पेश नहीं कर रही है। कांग्रेस ने करहल (Karhal Assembly Seat) से ज्ञानवती यादव को उम्मीदवार बनाया था। उस वक्त अखिलेश यादव के इस सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा नहीं थी। लेकिन अब, कांग्रेस ने अखिलेश यादव के खिलाफ उम्मीदवार न उतारने का फैसला किया है।
बता दें कि साल 2009 से समाजवादी पार्टी गांधी परिवार के खिलाफ अमेठी और रायबरेली संसदीय सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारती है। इसी तरह कांग्रेस ने भी मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव और आजमगढ़ में अखिलेश यादव के खिलाफ कोई प्रत्याशी नहीं उतारा था।
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी अखिलेश यादव को करहल में घेरने की पूरी कोशिश कर रही है। पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे अखिलेश यादव की राह मुश्किल बनाने के लिए भाजपा ने केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल को मैदान में उतारा है। अखिलेश यादव के नामांकन करने के कुछ देर बाद ही एसपी सिंह बघेल ने करहल विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। बघेल के नामांकन दाखिल करने के बाद इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। वहीं, बीएसपी ने अखिलेश यादव के सामने करहल सीट पर कुलदीप नारायण को प्रत्याशी बनाया है।
मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का दबदबा रहा है और यहां से सपा के उम्मीदवार लगातार चुनाव जीतकर आते रहे हैं। इस सीट पर यादव मतदाताओं की संख्या भी काफी अधिक है, जो निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। करहल सीट पर तीसरे चरण में 20 फरवरी को मतदान होगा।